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दुर्गः गौरव पथ के शहीद स्मारक में नहीं है स्वतंत्रता सेनानी का नाम

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Aug 15, 2019

चंद्रकांत देवगन- देश की आज़ादी में स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों की भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता। आज़ादी के सूरज को देखने के लिए उन्होंने हँसते हुए अपने जान तक की कुर्बानी दे दी, पर दुर्ग जिला प्रशासन और निगम प्रशासन ने जिले के एक ऐसे ही स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी का नाम गौरव पथ के शहीद स्मारक से भुला दिया। उस नाम को स्मारक में देखने के लिए स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी का परिवार 15 सालों से सिस्टम के धक्के झेल रहा है, पर नाम अब तक दर्ज नहीं करा सका।

भारत का संविधान और उसके बगल में शिलालेख में मौजूद है जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का नाम। दुर्ग शहर का यह गौरवपथ है पर इस गौरवपथ में जिला व निगम प्रशासन की लापरवाही ने जिले के एक स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी का नाम ही विलोपित कर दिया है। जिला प्रशासन की रिकार्ड बुक में 379 नंबर में दर्ज विष्णु राम यादव का नाम मगर गौरव पथ के शिलालेख से अब भी गायब हैं। इस सम्मान की लड़ाई के लिए परिवार के सदस्य पिछले 15 सालों से अपने हक के लिए तरस रहे हैं। सिस्टम के आगे आवेदन दे दे कर थक चुके हैं पर अपने पूर्वज का नाम अब तक शिलालेख में दर्ज नहीं करा सके।

पूर्वज का नाम गौरवपथ के शिलालेख में देखना चाहते हैं परिजन

जिला और निगम प्रशासन कई आयोजनो में विकास के नाम पर रंग रोगन करवाने करोड़ो रूपये फूंक चुके होंगे पर विष्णु राम यादव स्वतंत्रता के संग्राम सेनानी के नाम लिखवाने का बजट शायद उनके पास नहीं हो पा रहा होगा। आज़ादी के लिए लड़ने वाले विष्णु राम ने देश की आज़ादी के बाद गोवा आंदोलन में भी अपनी भूमिका अदा की थी। प्रशासन उनके इस योगदान को भूल गया। विष्णु राम यादव के पोते रूपेश यादव का कहना है कि परिवार की बस इतनी सी इच्छा है कि वो अपने पूर्वज का नाम गौरवपथ के शिलालेख में देखना चाहते हैं ताकि आने वाले समय में वो अपने बच्चों को बता सके कि देश की आज़ादी के इतिहास में उनके पूर्वज का भी महत्वपूर्ण योगदान था। कई बार पत्र व्यवहार करने के बाद भी पिछले 15 सालों में उन्हें ये छोटा सा हक नहीं मिल पाया है।

महापौर का कहना उनको सम्मान मिलना चाहिए

वहीं इस पूरे मामले में जब निगम प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई तो कमिश्नर बर्मन साहब ने फोन तक रिसीव करने की जहमत नहीं उठाई। वहीं महापौर जी से जब हमने इस बारे में जानकारी ली कि आखिर क्यों अब तक एक स्वतंत्रता सेनानी के परिवार के सम्मान के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है तो इस बारे में महापौर चंद्रिका चंद्राकार का कहना था कि एमआईसी में स्वतंत्रता सेनानी विष्णु राम यादव के गौरव पथ पर नाम जोड़ने का प्रस्ताव आया था और हमने इसे पास कर दिया है। उनका कहना था कि आजादी की लड़ाई में स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों का योगदान था, इससे इनकार नहीं किया जा सकता, उनको सम्मान मिलना चाहिए।