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कवर्धा में गन्ना की बंपर उत्पादकता, जिले में खुले शक्कर के 2 कारखाने

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Feb 5, 2020

प्रदीप गुप्ता : कवर्धा जिले में गन्ना की बंपर उत्पादकता रहती है, गन्ना के लिए जिले में अनुकूल वातावरण होने के कारण रकबा लगातार बढता ही गया है। यही कारण है कि जिले में दो शक्कर कारखाना की स्थापना की गई है। ग्राम राम्हेपुर में भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना व पंडरिया के ग्राम बिसेसरा में सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना खोला गया है। कारखाना के किसानों को लाभ तो हो ही रहा था अब जल्द ही कारखाना में इथेनाल प्लांट लगने से कारखाना को भी लाभ होगा।  

कारखाना में इथेनाल प्लांट लगाने की पहल शुरू 
गन्ना पेराई के बाद मोलासिस के रूप में निकलने वाले केमिकल को कारखाना अब तक अन्य प्रदेशों में बेचती रही है इससे कारखाने को ज्यादा लाभ नहीं होता था। ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा कारखाना में इथेनाल प्लांट लगाने की पहल शुरू कर चुकी है, प्लांट लगने के बाद मोलासिस का उपयोग बायोडीजल बना कर पेट्रोलियम कंपनी को बेच सकेंगे। इससे कारखाने को दोगुना से ज्यादा लाभ होगा। राम्हेपुर में स्थिति भोरमदेव शक्कर कारखाना में प्लांट लगाने के लिए केन्द्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय को अनुमति से लिए आवेदन भी कर चुके है। जल्द ही अनुमति मिलने के साथ ही काम भी शुरू हो जायेगा। 

21 हजार हेक्टेयर तक रकबा में गन्ना फसल
जिले में प्रतिवर्ष 17 हजार से लेकर 21 हजार हेक्टेयर तक रकबा में गन्ना फसल ली जाती रही है। पिछले सत्र में ही कारखाना से 4.50 लाख टन गन्ना की पेराई की गई थी जिससे 27 हजार टन मोलासिस निकला था। मोलासिस को हर वर्ष टेंडर करके औने पौने दाम में बेच दिया जाता रहा है क्योंकि इसका उपयोग ज्यादातर अन्य प्रदेशों में शराब बनाने के लिए ही किया जाता रहा है। यही कारण है कि जिले में बडी संख्या में गुड फैक्ट्री में गुड बनाने के बजाये सिरा निकाल कर डिब्बों में भरकर बेचा जाता है। लेकिन अब कारखाना में इथेनाल प्लांट लगने से मोलासिल से बायोडीजल बनाकर पेट्रोलियम कंपनी को बेचा जायेगा जिसका उपयोग डीजल व पेट्रोल बनाने में उपयोग किया जाता हैु, इससे कारखाना को दोगुना लाभ होगा साथ ही इस पैसों का उपयोग अन्य विकास के कार्यो में किया जायेगा।