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सूरजपुर : डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर स्वास्थ्य विभाग का सख्त रवैया, 14 डॉक्टरों को किया बर्खास्त

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Jan 20, 2020

दिलशाद अहमद : जिला अस्पताल में चल रही डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर अब स्वास्थ्य विभाग ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए एक डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया है और चार डॉक्टरों को बर्खास्त करने के लिए मिशन डायरेक्टर को मेल कर दिया गया है। इसके साथ ही अन्य 9 डॉक्टर के खिलाफ भी मिशन डायरेक्टर को मेल भेजा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर डॉक्टर भी झुकने को तैयार नहीं है उनके द्वारा अस्पताल के सभी डॉक्टरों का सामूहिक इस्तीफा देने की बात कही जा रही है। फिलहाल डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन के बीच इस लड़ाई में मरीज पीस रहे हैं।

14 डॉक्टरों की बर्खास्तगी के बाद अस्पताल प्रबंधन का दावा
सूरजपुर का जिला अस्पताल इन दिनों डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन की लड़ाई को लेकर सुर्खियों में है, जिला अस्पताल के डॉक्टर पिछले 6 दिनों से हड़ताल पर थे, जिसको लेकर 1 दिन पहले अस्पताल प्रबंधन के द्वारा इन्हें सोकॉल नोटिस जारी किया गया था, बावजूद इसके डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर डटे रहे, जिसके बाद कलेक्टर की अनुशंसा पर सीएमएचओ ने एक डॉक्टर रोहित पटेल को बर्खास्त कर दिया है चार डॉक्टरों को बर्खास्त करने के लिए मिशन डायरेक्टर को मेल कर दिया गया है, साथ ही अन्य 9 डॉक्टर के खिलाफ भी मिशन डायरेक्टर को मेल भेजा जा रहा है। 14 डॉक्टरों की बर्खास्तगी के बाद भी अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि मरीजों को किसी प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा उनके लिए डॉक्टर की व्यवस्था कर दी गई है।

अस्पताल प्रबंधन को सामूहिक इस्तीफा देंगे डॉक्टर
वहीं अस्पताल प्रबंधन की इस बड़ी कार्रवाई के बाद भी डॉक्टर झुकने को तैयार नहीं है। आज डॉक्टरों का संगठन प्रेम नगर विधायक और सरगुजा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष खेल साए सिंह से मिले और ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों को रखा। वहीं डॉक्टर शासन के द्वारा की गई इस कार्रवाई को लेकर वे सामूहिक इस्तीफा देने की तैयारी कर रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार आज वे अस्पताल प्रबंधन को अपना सामूहिक इस्तीफा सौंपेंगे और इसके बाद प्रदेश भर में सभी अस्पतालों में भी सामूहिक इस्तीफा देंगे।

नर्सों के भरोसे अस्पताल संचालित
डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन की लड़ाई में मरीजों का बुरा हाल है। पूरे अस्पताल के स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। कुछ नर्सों के भरोसे इतना बड़ा अस्पताल चल रहा है। मरीज परेशान हैं लेकिन कोई डॉक्टर उनकी सुध लेने के लिए नहीं जा रहा है। अब परेशान मरीज दूसरे अस्पतालों का रुख कर रहे हैं।

डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन की लड़ाई ​कब होगी समाप्त
सरकारी अस्पताल में अक्सर गरीब तबके के लोग ही जाते हैं। ऐसे में इन डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से मरीजों को निजी अस्पताल का रुख करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। बावजूद इसके न तो स्वास्थ्य महकमा इस ओर ध्यान दे रहा है और ना ही डॉक्टरों को मरीजों की कोई परवाह है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि कब एक डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन की लड़ाई समाप्त होती है और मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती है।