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सूरजपुर की निर्भया की दर्दनाक कहानी, आरोपी ने कैमरे के सामने कबूला अपना जुर्म

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Dec 8, 2019

दिलशाद अहमद : दिल्ली के निर्भया के बारे में सभी लोग जानते हैं, लेकिन ना जाने देश में कितनी निर्भया न्याय पाने के लिए तरस रही हैं, वर्ष 2014 में सूरजपुर के बोंगा गांव में तीन हैवानों ने एक मासूम से दरिंदगी कर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था। लेकिन आज सभी आरोपी बेखौफ घूम रहे हैं। वहीं उस मासूम पीड़िता के माता-पिता को इंसाफ मिलने की बजाय उनके परिजनों को धमकियां मिल रही हैं, लगातार पुलिस से शिकायत के बावजूद उन इंसानियत के दुश्मनों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, आईए हम आपको दिखाते हैं निर्भया के दर्दनाक दास्तां..

एकतरफा प्रेम बना युवती की मौत की वजह
वह समय था अक्टूबर वर्ष 2014, जब सूरजपुर के रामकोला थाना स्थित बोंगा गांव के नदी के किनारे निर्वस्त्र जली हुई एक युवती का शव मिला था। जांच के दौरान पता चला कि गांव के ही एक युवक रामकुमार मृतिका से एक तरफा प्रेम करता था लेकिन जब लड़की ने उसे मना कर दिया तो गुस्से में आकर आरोपी ने अपने दो नाबालिग दोस्तों के साथ मिलकर पहले तो पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया, फिर उसके गुप्तांग में अमानवीय ढंग से बालू डालकर मिट्टी का तेल डाल कर आग के हवाले कर दिया। जिसकी वजह से युवती की मौत हो गई थी, जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीण न्याय पाने के लिए सड़कों पर उतरे थे।

दो नाबालिग सहित तीन आरोपी गिरफ्तार
पुलिस पर दबाव बनने के बाद पुलिस दो नाबालिग सहित तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अभी भी दोनों नाबालिगों का मामला बाल न्यायालय में विचाराधीन है। वहीं मुख्य आरोपी रामकुमार को प्रतापपुर के न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, तब मृतक के परिजनों को लगा था कि शायद उन को इंसाफ मिल जाएगा लेकिन उसके बाद आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील की, अपील के कुछ महीनों बाद आरोपी रामलाल की जमानत हो गई लेकिन मृतिका के परिजनों का आरोप है कि जमानत के छूटने के बाद से ही आरोपी लगातार मृतका के परिजनों को धमकी दे रहा है, जिसकी तीन बार शिकायत परिजनों के द्वारा रामकोला थाने में लिखित तौर पर दी गई है, बावजूद इसके पुलिस के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

परिजन को न्याय की आस
अपनी मासूम बच्ची को खो चुके परिजनों की न्याय पाने की आस भी अब लगभग समाप्त हो चुकी है, अब वे इतने दहशत में हैं कि आरोपियों की धमकी से डरकर वे अपनी सभी बच्चों की पढ़ाई छुड़ाकर घर में रखते हैं। बता दें कि मृतक युवती का कोई भाई नहीं था वे चार बहनें थी, बड़ी बहन के साथ ऐसा हादसा होने के बाद न्याय पाना तो दूर बची हुई घर की लड़कियां पढ़ाई करने की वजह घर में दहशत की वजह से घर में लगभग बंधक बन के रह रही हैं। अब वह पूरा परिवार खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है और गांव से पलायन की तैयारी कर रहा है।

आरोपी ने कैमरे के सामने कबूला अपना जुर्म
वहीं इस पूरे मामले में पुलिस साफ तौर पर इस बात से इनकार कर रही है कि पीड़ित के परिजनों के द्वारा थाने में कोई शिकायत दर्ज कराई गई है, लेकिन हमारे पास थाने में दर्ज की गई शिकायत की पावती मौजूद है, जिसमें यह साफ तौर पर दिख रहा है कि पुलिस थाने में मृतिका के परिजनों द्वारा कई बार शिकायत दर्ज कराई गई है। वहीं 2014 में आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था तब मुख्य आरोपी रामकुमार ने हमारे कैमरे के सामने अपना गुनाह कबूल किया था और इस हत्याकांड की पूरी कहानी बताई थी।