Aug 2, 2019
मनोज यादव- कोरबा शहर में अवैध रेत तस्करों के हौसले इतने बुलंद है कि प्रशासन के पाबंदी के बावजूद भी दिन दहाड़े रेतघाट से रेत का उत्खनन कर रहे हैं। ऐसा नहीं कि रेत उत्खनन के काले कारोबार की सूचना खनिज विभाग या फिर पुलिस को नहीं है। सब जानते हुए भी नाक के नीचे धड़क्के से हसदेव नदी का सीना चिर रेत उत्खनन किया जा रहा है।
सम्बंधित विभाग ऐसे रेत तस्करों पर मेहरबान
जिला प्रशासन और पुलिस का कार्यवाही का भय अवैध रेत तस्करों को नहीं रहा शायद। इसी लिए शहर के रेतघाटों से अवैध रेत उत्खनन कर दिनदहाड़े खुलेआम सड़क पर दौड़ लगाते देखे जा सकते हैं। कोरबा के हसदेव नदी को जीवनदायिनी कहते हैं। नदी का अस्तित्व अब खतरे में नजर आ रही है। हसदेव नदी के सीना छलनी कर अवैध रेत तस्करी कर रहे हैं। इसे बचाने की जवाबदारी किस की है ये तो आप भी अच्छी तरह जानते है, लेकिन उसके बावजूद भी सम्बंधित विभाग ऐसे रेत तस्करों पर क्यों मेहरबान है, यह समझ से परे है। ये हम भी जानते है कि विभाग कार्यवाही करती तो है, लेकिन महज दिखावे भर को। कार्यवाही के बावजूद भी रेत तस्करी सक्रिय है और बड़े पैमाने पर अवैध तस्करी की जा रही है। राताखार गेराव घाट रेत घाट पर एक दर्जन से भी अधिक ट्रैक्टर रेत उत्खनन में रेत उत्खनन किया जा रहा था। ट्रैक्टर चालकों का कहना है कि हम तो नौकर हैं, मालिक के कहने पर रेत उत्खनन कर लेकर जा रहे हैं। ये अवैध रेत तस्करी किसी एक ट्रैक्टर मालिक का नहीं है, शहर के कई बड़े धन्ना सेठ हैं।