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सोशल वार, नेताओं का चुनावी हथियार

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Jan 17, 2018

ये दौर सोशल मीडिया का है। ये दौर फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सएप, जैसे माध्यमों का है। ये दौर है वेब मीडिया का। जी हाँ वेब मीडिया के दौर में चुनाव का सबसे बड़ा मंच आज सोशल मीडिया है। इस मंच पर आज समूचा चुनावी तंत्र खड़ा नजर आता है। मोबाइल क्रांति के इस युग में राजनीतिक दलों ने लाखों लोगों तक एक साथ एक ही समय पर पहुँचने का सबसे बड़ा जरिया इसी सोशल माध्यम को बना लिया है। और यही माध्यम अब मौजूदा वक्त में राजनेताओं के लिए चुनावी हथियार में हो चले हैं। जहाँ से हर मिनट दर मिनट जारी है सोशल वार। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तैयारी हर राजनीतिक दल की ओर से जोर-शोर से शुरू हो चुकी है। खास-तौर पर इन दिनों प्रदेश के तीन प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच जमकर सोशल वार चल रहा है। भाजपा-कांग्रेस के साथ जोगी कांग्रेस के ट्विटर जंग छिड़ चुका है। हर दिन सिलसिलेवार तरीके से सत्ता और विपक्ष के नेता एक दूसरे के खिलाफ ट्वीट कर रहे हैं, वाट्सएप पर पोस्टरवार चल रहा तो फेसबुक भी जंग जारी है। सोशल मीडिया के इस जंग में सबसे ज्यादा सक्रिय पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल, नेता-प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, जोगी कांग्रेस से अमित जोगी सक्रिय नजर आते हैं। कांग्रेस ने सोशल वार रूम भी तैयार कर लिया है। जहाँ हर दिन सरकार और भाजपा पर जमकर हमला बोला जा रहा है। राहुल गाँधी की कोर टीम सदस्य सोशल मीडिया हेड दिव्या स्पंदन कल ही रायपुर का दौरा कर लौंटी है। दिव्या ने प्रदेश कांग्रेस की सोशल टीम को कुछ फार्मूला भी दिए, कुछ मंत्र भी। सोशल मीडिया के इस युद्ध में वैसे तो भाजपा भी पीछे नहीं है। लेकिन विपक्षी हमलों के बीच भाजपा के नेता कुछ पिछड़ी नजर, तो कमजोर भी नजर आती है। हालांकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धरम लाल कौशिक के साथ, मंत्री अजय चंद्राकर और विधायक शिवरतन शर्मा की सक्रियता दिखती है। वहीं भाजपा के आईटी सेल की ओर से भी प्रचार के साथ पलटवार भी बखूबी किया और दिया जा रहा है। सच कहे तो जिस तरह से नेता सोशल मीडिया का इस्तेमाल वार और पलटवार के लिए कर रहे हैं उससे यही लगता है आधुनिक युग का यह सामाजिक मंच युद्ध का मैदान हो चला है। जहाँ लोगों तक राजनीतिक दलों की नीतियाँ कम और रणनीतियाँ ज्याद पहुँच रही है। जहाँ से जनता को जनहित की बात कम और जंग की बात ज्यादा कह रही है।