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केन्द्रीय गृह मंत्री की मंगोलिया की 4 दिन की यात्रा पूरी

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Jun 24, 2018

भारत और मंगोलिया सुरक्षा एवं प्रतिरक्षा के साथ-साथ कारोबार एवं आर्थिक सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा, खनन, पारम्परिक चिकित्सा, पशुपालन, क्षमता निर्माण, शिक्षा, हवाई कनेक्टविटी, मीडिया, फिल्म एवं जनता के बीच सहयोग और आदान-प्रदान बढ़ाएंगे। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह मंगोलिया की चार दिन की यात्रा पूरी करके रविवार को भारत लौट आए। वह 21 जून को उलानबटार पहुंचे थे।

वहां उनकी मंगोलिया के राष्ट्रपति के बाटुल्गा से मुलाकात हुई और प्रधानमंत्री यू खुरेलसुख, उप प्रधानमंत्री यू एन्ख्तुवशिन तथा गृह एवं न्याय मामलों के मंत्री टी न्यामदोर्ज से विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत हुई। इन विषयों में आपदा जोखिम को कम करने, सीमा प्रबंध एवं सुरक्षा के क्षेत्र में क्षमता निर्माण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर बात हुई।आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मंगोलिया का नेतृत्व भारत के साथ कारोबार एवं आर्थिक सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा, खनन, पारंपरिक चिकित्सा, पशुपालन, क्षमता निर्माण, शिक्षा, हवाई कनेक्टविटी, मीडिया, फिल्म एवं जनता के बीच सहयोग एवं आदान-प्रदान बढ़ाने का इच्छुक है।

इस पर भारतीय पक्ष ने भी सहमति व्यक्त की है। सूत्रों ने बताया कि इस मौके पर सिंह ने मंगोलिया के प्रधानमंत्री के साथ भारत के सहयोग से बनने वाली देश की पहली पेट्रोकैमिकल रिफाइनरी का भूमिपूजन किया।यह रिफाइनरी भारत द्वारा मंगोलिया को एक अरब डॉलर की ऋण राशि से निर्मित की जाएगी। मंगोलिया में रिफाइनरी के शुरू होने से मंगोलिया को अत्याधिक लाभ होगा  और भारत पहला देश था, जिसने कम्युनिस्ट ब्लॉक से पृथक होने के बाद मंगोलिया से राजनयिक संबंध स्थापित किए थे।

उल्लेख है भारत और मंगोलिया के बीच अच्छे सम्बंध होने से चीन पर मानसिक दबाव बना रहेगा। क्योंकि चीन का पारंपरिक शत्रू मंगोलिया ही है। भारतीय विद्वान चाणक्य का कहना था कि दुश्मन देश का दोस्त हमारा भी दुश्मन है। दुश्मन देश का दुश्मन हमारा अच्छा मित्र साबित हो सकता है।