Feb 21, 2020
अनुभव सिन्हा निर्देशित फिल्म ‘थप्पड़’ की स्क्रीनिंग बीते गुरुवार को भोपाल में हुई थी। यह फिल्म डॉमेस्टिक वॉयलेंस पर आधारित हैं। इस फिल्म में तापसी पन्नू मुख्य भूमिका निभाई में नजर आएंगे। स्क्रीनिंग के पश्चात् दर्शकों का इंटरेक्शन तापसी पन्नू और अनुभव सिन्हा के साथ हुआ। इस बीच सुधीर मिश्रा भी मौजूद थे।
जो हुआ उसे ‘अन-डू’ करना अमृता के लिए बेहद मुश्किल..
जब तापसी से यह सवाल पूछा गया कि घरेलू हिंसा पर लड़के का पूरा परिवार माफी मांगता तो क्या अमृता वापस चली जाती? तापसी क्या करती? इसी पर तापसी ने जवाब दिया कि स्क्रिप्ट मैंने पढ़ी थी और में उसमें डूब भी गई थी। वहीं परिवार वाले अमृता का साथ देते और कहते कि लड़के ने गलत किया तो वह और कुछ करती। तलाक देना उसका मकसद नहीं था, परन्तु जो हुआ उसे ‘अन-डू’ करना अमृता के लिए बेहद मुश्किल था। मैं अमृता की जगह होती तो कुछ और करती, सुधरने का एक मौका अवश्य ही देती ,परन्तु सारी चीजें याद रखते हुए, भूलकर नहीं। मेरे लिए अमृता बनना बेहद ही मुश्किल था। मैं रियल लाइफ में ऐसा नहीं करती मैं किसी पर चिल्ला नहीं सकती, न ही कभी गुस्सा करती हूं।
डॉमेस्टिक वॉयलेंस का यह केस 2005 का..
जब तापसी से यह सवाल पूछा गया कि डॉमेस्टिक वॉयलेंस का यह केस 2005 का है, इतनी देर से फिल्म क्यों बनाई। तब उन्होने कहा कि देर आए दुरुस्त आए, कदम उठाना जरूरी है। सोसायटी का चेहरा दिखाया जरुरी है। गलतियां इंसानों से होती हैं, भगवान भी माफ कर देते हैं। जब उनसे यह प्रश्न पूछा गया कि फिल्म में आपने दिखाया कि आदमी औरत को थप्पड़ मारता है, परन्तु औरत आदमी को थप्पड़ मारती है तब.. तापसी ने बहुत ही सहज अंदाज में इसका जवाब दिया और कहा कि रिश्ते में थप्पड़ मारना गलत है। हमने मेजॉरिटी को देखते हुए फिल्म बना ली है। एक्सेप्शनल केस पर आप फिल्म बना लीजिएगा। ऐसे केस होते हैं, मैंने मेजॉरिटी को चुना हैं।