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आसमान के नीचे खुले में किया जा रहा पोस्टमार्टम, शर्मसार हुई इंसानियत

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Aug 29, 2017

झाबुआ : मेघनगर रेलवे स्टेशन होने के साथ-साथ औधोगिक नगरी हैं। यह नगर दिल्ली-मुंबई रेलवे लाईन से जुडा हुआ हैं। ऐसे में इस नगर में सुविधाओं का विशेष ध्यान रखना अत्यंत जरूरी हैं। ग्राम पंचायत से नगर परिषद की ओर रुख कर चुके इस नगर में मुर्दा कोटड़ी यानि की पोस्टमार्टम रूम हैं भी और नहीं भी। जिसकी वजह से यहां हमेशा पीएम खुले आसमान के नीचे में किया जाता हैं। चाहे गर्मी हो या बरसात खुले मैदान में खुले आसमान में शवों का पीएम कई बरसों से जारी हैं, मगर इसकी सुध लेने वाला न तो कोई अधिकारी हैं, न कोई जनप्रतिनिधि, न कोई नेता हैं।

नगर में चर्चा बनी हुई हैं कि पूर्व में जहां पर भी यह मुर्दा घर बना हुआ हैं उस जमीन पर किसी भू-माफिया की नजर हैं। इसलिए शायद पोस्टमार्टम रूम नहीं बन रहा हैं, जबकि आए दिन मेघनगर रेलवे में भी हादसे होते रहते हैं। मुर्दा कोटड़ी नहीं होने की वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। कई बार चर्चा भी चली की मुर्दा कोटड़ी बनाना अब तय हैं, मगर थोड़े दिन बाद सब गुल। इतना ही नहीं अगर किसी की मौत हो जाए तो उसके शव की रखवाली भी परिजनों को करना पडता हैं। यह बात तब सामने आई जब एक महिला की पीएम खुले में किया जा रहा था।

मेघनगर सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र में मरचुरी रूम के नहीं होने की वजह से कई बार परिजन शव अपने घर ले जाते हैं। सुबह पुन: पीएम के लिए लाते हैं। कई अस्पताल के बाहर खुले मैदान में शव के साथ बैठकर रात गुजारते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता हैं कि आखिर क्यों बरसों से खुले में पीएम हो रहा हैं? आखिर क्यों पीएम रूम नहीं बन पाया? आखिर कब मेघनगर स्वास्थ्य केंद्र में मरचुरी रूम की व्यवस्था होगी?