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करोड़ों के खजानों से सजा मां लक्ष्मी का दरबार

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Oct 16, 2017

रतलाम : जिले के रियासत कालीन के  अति प्राचीन और सिद्ध महालक्ष्मी का मंदिर इस समय अपने वैभव के चरम पर हैं। महालक्ष्मी मंदिर में करोड़ों के कुबेर का खजाना सज गया हैं और यह राशि दीपावली होते-होते करोड़ों को भी पार कर जाती हैं।

इस मंदिर के बारे में अनोखी मान्यता यह हैं कि यहां पर रतलाम का हर छोटा-बड़ा व्यापारी श्रद्धालु हर साल विश्वास के आधार पर अपने घर से सामर्थ्य के अनुसार धन, दौलत, हीरे, जवाहरात, सोना, चांदी, नोटों की गड्डी आदि महालक्ष्मी मंदिर में लाकर जमा करते हैं और यह राशि दीपावाली तक महालक्ष्मी मंदिर में मां के दरबार में जमा रहती हैं।

दीपावली के पश्चात पुनः श्रद्धालुओं को लौटा दी जाती हैं। इस परंपरा के पीछे मान्यता हैं  कि जो भी व्यापारी श्रद्धालु अपनी राशि, धन, दौलत, हीरे, जवाहरात माता रानी के मंदिर में कुबेर के खजाने में जमा कर आता हैं और वापस दीपावली के बाद लेकर जाता हैं और अपने घर के गल्ले, व्यापार के स्थल तिजोरी आदि में रखता हैं, तो साल भर उसकी राशि में दिन रात दुगनी चौगुनी वृद्धि होती हैं और  व्यापार व्यवसाय  में तरक्की होती हैं।

घर परिवार में पैसों की कमी नहीं होती। सुख समृद्धि और वैभव रहता हैं, लोग यह राशि धन दौलत अपने विश्वास आधार पर मंदिर में जमा करने आते हैं और मंदिर प्रशासन के द्वारा उन्हें  एक टोकन प्रदान किया जाता हैं, जो दिवाली के पश्चात पुनः मंदिर में देने पर जो राशि, हीरे, जवाहरात इस मंदिर में श्रद्धा पूर्वक जमा करी थी, वहीं वापस लौटा दी जाती हैं।

इस मंदिर में एक और परंपरा हैं कि धनतेरस के दिन  यहां पर महिलाओं को कुबेर की पोटली भी निशुल्क वितरित की जाती हैं। जिसे व्यापारी प्रतिष्ठान या घर परिवार के गल्ले तिजोरी  में रखने पर साल भर बरकत रहती हैं। 

माता रानी के दरबार में 5 दिन तक यह वैभव का पर्व चलता हैं और बरकत के लिए चढ़ावा चढ़ाने वाले लोग रतलाम के आसपास ही नहीं, दूर-दराज के बड़े-बड़े शहरों से आते हैं। कुबेर का खजाना और करोड़ों से सजे मंदिर में प्रवेश करते वक्त लोग अचंभित हो  तो जाते हैं, उन्हें  मां का वैभव, दौलत, ऐश्वर्य चारों तरफ मां के समस्त रूपों के आसपास नजर आता हैं।

कुबेर का खजाना मंदिर की छत दीवारों आदि को नोटों और बेशकीमती जवाहरात से पाट दिया जाता हैं और मंदिर में सिर्फ और सिर्फ चारों तरफ नोटों की बन्दरवार और महालक्ष्मी के दरबार में मां की आगामी मूर्ति के आसपास नजर आता हैं। करोड़ों का खजाना लोगों को एसी अनुभूति होती हैं कि मानो वह साक्षात  कुबेर के खजाने के दर्शन कर रहे हैं।

इस खजाने की रक्षा के लिए पुलिस के द्वारा विशेष गार्डो की व्यवस्था की जाती हैं और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाते हैं। ब्रह्म मुहूर्त से देर रात तक यहां श्रद्धलुओं का तांता लगा रहता हैं और लोग मां लक्ष्मी की अद्भुत सिद्ध  प्रतिमा के दर्शन के साथ-साथ मां के धन वैभव और कुबेर के खजाने को देख अभिभूत हो जाते हैं।