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केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का निधन

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May 18, 2017

भोपाल। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का निधन हो गया। उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, मैं कल शाम को अनिल दवे जी के साथ था, उनके साथ नीतिगत मुद्दों पर चर्चा कर रहा था। उनका निधन मेरा निजी नुकसान है। उन्हें लोग जुझारू लोक सेवक के तौर पर याद रखेंगे। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वह काफी जुझारू थे। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, मैं कल शाम को अनिल दवे जी के साथ था, उनके साथ नीतिगत मुद्दों पर चर्चा कर रहा था। उनका निधन मेरा निजी नुकसान है। उन्हें लोग जुझारू लोक सेवक के तौर पर याद रखेंगे। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वह काफी जुझारू थे।

दवे का जन्म छह जुलाई 1956 को उज्जैन के भदनगर में हुआ था। इंदौरा के गुजराती कॉलेज से एम कॉम करने वाले अनिल शुरुआत से ही आरएसएस से जुड़े हुए थे और नर्मदा नदी बचाओ अभियान में काम कर रहे थे। वह राज्यसभा में साल 2009 मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। जल संसाधन समिति और सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सलाहकार समिति में भी थे। ग्लोबल वार्मिंग पर संसदीय समिति के भी वह सदस्य रह चुके हैं।

संघ के प्रचारक के रूप में सार्वजनिक जीवन शुरू करने वाले अनिल माधव दवे एक आम भाजपा कार्यकर्ता से राजनीतिक सफर शुरू कर केंद्रीय मंत्री पद तक पहुंचे थे। मध्यप्रदेश भाजपा के मुख्य चुनावी रणनीतिकार के रूप में उनकी पहचान थीं। 2003 में दिग्विजय सिंह के 10 साल के शासनकाल को ध्वस्त करने के लिए बनी कोर टीम में अनिल माधव दवे का अहम स्थान था। उन्होंने दिग्विजय सिंह के खिलाफ 2003 में मिस्टर 'बंटाधार' का जुमला दिया, जो कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन गया। आखिरकार 10 साल बाद भाजपा सत्ता में काबिज हुई और 13 साल से हर चुनाव में भाजपा को बड़ी जीत मिलती रही।