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गीता ने माता-पिता को पहचानने से किया इंकार, अब DNA से होगा खुलासा 

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Oct 27, 2017

इंदौर : पाकिस्तान से भारत लाई गई गीता को इंदौर के मूक-बधिर संगठन कार्यालय के हॉस्टल में रखा गया है। यही वजह है कि गीता के माता-पिता होने का दावा करने वाले एक और परिवार को आज विदेश मंत्रालय के साथ गीता से मिलवाया गया। विदेश मंत्रालय के अधिकारी और इंदौर जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट ने जब गीता से बात की, तो गीता ने झारखंड से आए परिवार को पहचानने से इंकार कर दिया।

पाकिस्तान से भारत लाई गई गीता और गीता के माता-पिता होने का दावा करने वाले दंपत्ति विजय राम, माला देवी का डीएनए टेस्ट देश ने इंदौर के कलेक्टर कार्यालय प्रशासनिक संकुल में कराया गया।

हालांकि इससे पहले गीता को उसके माता-पिता होने का दावा करने वाले विजयराम, माला देवी और उनके 1 पुत्र से मिलवाया गया। साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट ज्ञानेंद्र पुरोहित ने गीता से बातचीत की, तो इस बार तो गीता ने ज्ञानेंद्र पुरोहित को ही नहीं पहचाना।

जबकि यही वह ज्ञानेंद्र पुरोहित हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के ईदी फाउंडेशन से राफ्ता कायम कर गीता को भारत लाने में अहम रोल अदा किया था। गीता ने ईदी फाउंडेशन के लेटर को भी नहीं पहचाना। 

इस बात को लेकर साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट ज्ञानेंद्र पुरोहित का मानना है कि कई बार याददाश्त कमजोर हो जाती है। मतलब अब साफ है कि गीता के माता-पिता होने का दावा करने वालों का डीएनए टेस्ट है। यह तय कर पाएगा कि वाकई उसके माता-पिता झारखंड का यही परिवार है या फिर गीता के माता-पिता की तलाश जारी रहेगी।