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गोडसे के मंदिर विवाद पर घिरा प्रशासन

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Nov 21, 2017

ग्वालियर : महात्मा गांधी के हत्यारे नातूराम गोडसे का मंदिर विवाद अब और भी ज्यादा तूल पकड़ता जा रहा है। प्रशासन ने जो नोटिस हिंदू महासभा को दिया था। उस पर अब खुद प्रशासन घिर गया है।

क्योंकि मंदिर के नोटिस में प्रशासन ने कहा था कि मंदिर का निर्माण बिना परमिशन कर लिया है, साथ ही धार्मिक मंदिरों के अधिनियम के तहत अवैध है। नोटिस की इसी लाइन को महासभा ने उठा लिया है। वहीं इसमें आम आदमी पार्टी भी कूद गई है और प्रदर्शन कर रही है।

नाथूराम गोडसे के मंदिर पर विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। गोडसे के मंदिर को लेकर आज फिर हिंदू महासभा ने एडीएम के सामने अपना जवाब पेश किया है। महासभा का कहना है कि ये मंदिर धार्मिक नहीं बल्कि राष्ट्रवादी नाथूराम गोडसे की है। 

जिसकी मंदिर स्थापना में मंदिर से कोई तालुल्क नहीं है। अगर उसके बाद भी प्रशासन ने कोई कार्यवाई की, तो वो न्यायालय जाएंगे। इसके अलावा हिन्दू महासभा ने घोषणा की है कि कल से उनका समूचे प्रदेश में आंदोलन शुरू होने जा रहा है।

चुनावी मौसम में इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी भी कूद गई है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी और आरएसएस अपनी अडियोलॉजी को महासभा के द्वारा दिखाने की कोशिश कर रही है। जिसके तहत उन्होंने मंदिर का निर्माण कर पूजा पाठ करना शुरू कर दिया है।

गोडसे मंदिर के छह दिन बाद भी प्रशासन मंदिर को लेकर अपनी स्थिति साफ नहीं कर पा रहा है। जबकि मंदिर को लेकर ग्वालियर में राजनीति का पारा गर्म है। कांग्रेस गोडसे के मंदिर से मूर्ति उखाड़ने की बात कर रही है, तो वहीं महासभा गांधी की मूर्ति को शहर में तोड़ने की बयानबाजी चल रही है। ऐसे में प्रशासन गोडसे के मंदिर को लेकर कोई भी स्टेप क्यों नहीं उठा रहा है? ये सवाल सबसे अहम हो चला है।