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चेक क्लोनिंग के जरिए फल व्यापारी के खाते से उड़ाए 9 लाख 48 हजार रुपए

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Aug 18, 2017

ग्वालियर : यूको बैंक में खाते से पैसे चुराने का एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई हैं। फल कारोबारी सीताराम बत्रा की 9 लाख 48 हजार रुपए की रकम चेक क्लोनिंग के जरिए निकाल ली गई। कुछ दिनों तक तो बैंक प्रबंधन रकम वापसी का आश्वासन देता रहा। जब रकम वापस नहीं मिली तो फरियादी कारोबारी ने जनकगंज थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई।  

यूको बैंक प्रबंधन के अनुसार सीताराम बत्रा के खाते से आरटीजीएस के जरिए निकली रकम कोलकाता के दो बैंकों के खातों में पहुंची हैं। ये रकम कोलकाता के सागर चौधरी के खाते में गई हैं। यह रकम भी पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की वीआईपी रोड ब्रांच में ट्रांसफर हुई और उसके बाद रकम कोलकाता के ही इंडियन बैंक की किसी ब्रांच में पहुंची थी। बैंक अधिकारियों का मानना हैं कि यह मामला चेक क्लोनिंग का हो सकता हैं। सीताराम की रिपोर्ट पर पुलिस ने बैंक मैनेजर और दूसरे कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया हैं।

खास बात यह हैं कि मूल चेक सीताराम के पास था और क्लोनिंग वाले चेक से धोखाधड़ी को अंजाम दिया हैं। इस चेक में फरियादी के साइन भी मिलान नहीं खा रही हैं। मामला सामने आते ही बैंक मैनेजर अपनी सीट से गायब हो गया हैं। सीताराम बत्रा के घरवाले ये आरोप लगा रहे हैं कि बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से ये रकम गायब की जा रहीं हैं और इंश्योरेंस कंपनी से पैसे दिलाने की बात बैंक के कर्मचारी खुद ही कर रहे हैं। बैंकों से जुड़े जानकारों के अनुसार चेक बुक जब बैंक द्वारा ग्राहक तक पहुंचाई जाती हैं तो उससे पहले बैंक कर्मचारी उसकी एक रजिस्टर में एंट्री करता हैं। इस एंट्री में यह लिखा जाता हैं कि फलां नंबर से लेकर फलां नंबर तक के चेक संबंधित चेक बुक में मौजूद हैं। संभवत: यह जानकारी चेक क्लोनिंग के लिए पर्याप्त हो सकती हैं।