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जनता मांग रही अब हिसाब, नेताओं की आई शामत

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Sep 18, 2017

दमोह : मध्यप्रदेश में अब विकास को लेकर जनता खासी गुस्से में हैं। सरकार विकास की दलील दे रही हैं तो अब सरकार के विधायकों को जनता के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा हैं। सूबे के दमोह जिले से हटा की विधायक उमा देवी खटीक के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। जब लोगों ने उन्हें घेर लिया। आखिरकार पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा।

अपनी लग्जरी कार में सवार दमोह जिले के हटा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की विधायक उमा देवी खटीक अपने रुतबे के मुताबिक इलाके में घूमती हैं और अपने विधानसभा क्षेत्र हटा के पटेरा शहर में भी एक कार्यक्रम में शामिल होने उसी रुतबे से पहुंची, लेकिन इस बार उनके रुतबे के सामने जनता का गुस्सा भारी पड़ गया।

पटेरा के लोगों ने विधायक के आने की खबर के साथ मोर्चा संभाला, तो एक साथ सैकड़ों लोग उनकी गाड़ी के सामने आ गए। विधायक की हिम्मत गाड़ी से उतरने की नहीं हुई। हालांकि लोग उनसे निवेदन ही कर रहे थे कि वो गाड़ी से नीचे आकर बात करें।

बड़ी देर तक गाड़ी के अंदर से बातचीत करने के बाद आखिरकार विधायक को नीचे आना पड़ा और पास बनी एक दूकान में लोगों ने उन्हें बैठा लिया। दरअसल लोग इलाके में कॉलेज खुलवाना चाहते हैं।

सरकार ने इस ब्लॉक के लिए कॉलेज मंजूर भी कर दिया हैं, लेकिन लोगों को ये पता चला कि विधायक उमा देवी यहां से कॉलेज कहीं और ले जा रही हैं, तो लोग गुस्से में आ गए और फिर क्या था लोगों से घिरी विधायक अपनी सफाई देती रही और लोग उनसे हिसाब मांगते रहे।

विधायक को गाड़ी से उतारकर एक दुकान में बैठा कर उन्हें घेरे जाने की खबर लगने के साथ इलाके की पुलिस भी हरकत में आई। तो खुद थानेदार ने मोर्चा सम्भाला और पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंची और विधायक को सुरक्षा प्रदान की। लोगों को सफाई देते हुए विधायक ने पटेरा में सरकारी जमीन ना होने की दलील दी, लेकिन नौजवान इस दलील से इत्तेफाक नहीं रखते।

लोगों के आक्रोश के बीच पुलिस की मौजूदगी में आखिरकार विधायक को मौके से सुरक्षित निकाल कर रवाना कर दिया गया, लेकिन जनता उनसे संतुष्ट नहीं। वहीं दूसरी तरफ विधायक ने सफाई देते हुए बताया कि उन्होंने खुद सक्रिय होकर पटेरा में कॉलेज खोलने की पहल की, लेकिन मापदंड पूरे ना होने की वजह से देरी हो रही हैं।

पटेरा शहर की जगह इसी ब्लॉक की किसी दूसरी जगह पर कॉलेज खुल सकता हैं, लेकिन यदि पटेरा के लोग आक्रोशित हैं तो वो आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री के जनदर्शन कार्यक्रम में खुद लोगों के साथ मुख्यमंत्री से इस जगह पर ही कॉलेज खोलने की मांग करेंगी।

विकास के लिए जनता अब सड़कों पर इस तरह के कदम उठा रही हैं तो नेता दहशत में हैं। उनका दहशत में आना लाजमी भी हैं क्योंकि हुजूम जब वोट देकर जिताता हैं, तो वो विकास भी चाहता हैं और भीड़ के सामने सब बौने भी हो जाते हैं। दूसरी तरफ ये घटनाक्रम कई इशारे भी कर जाता हैं कि अगले साल चुनाव हैं।

नेताओं को अपना रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने पेश करना हैं और सरकार के सामने अपनी कथनी करनी को बराबर पेश करने की जवाबदारी हैं। ऐसे में सूबे के दूसरे नेताओं को ऐसे न घिरना पड़े, इसके लिए सरकार और मुख्यमंत्री क्या कदम उठाएंगे देखने लायक होगा।