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जेल से छूटा कैदी पुलिस के लिए बना सिरदर्द

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Nov 2, 2017

ग्वालियर : एक अजीब मामला देखने को मिला है। यहां पर बांग्लादेश के रास्ते घुसपैठ करने वाले अहमद मुकी करीब तीन साल बाद पुलिस के लिए फिर सरदर्द बन गया है। अदालत से दी गई सजा पूरी होने पर उसे जेल से रिहा कर पडाव पुलिस के सुपुर्द कर दिया है।

अहमद को वापस सरहद पार भेजने की इजाजद फिलहाल दूतावास से नहीं मिली है। करीब 40 दिन से वह पडाव थाने में महमानी कर रहा है। खूफिया सूत्र कहते है कि सनसनी खेज मामले में पुलिस की जांच लचर रही है। इसका फायदा अहमद को मिला है, क्योंकि अभी तक यह पता ही नहीं चल पाया कि वह सऊदी अरब का निवासी है या बांग्लादेश का।

अहमद ने पकड़ने जाने पर खुलासा किया था कि वह साऊदी अरब का निवासी है। वहां से बने पासपोर्ट की फोटो कॉपी भी दिखाई थी, लेकिन उस पर चस्पा हस्ताक्षर और फोटो मेल नहीं खाए थे। आशंका थी कि अहमद बांग्लादेशी भी हो सकता है।

अब उलझन है कि उसे किस सरहद पर छोड़ा जाए। रिहाई के बाद अब वह साऊदी अरब जाने से भी हिचक रहा है और यही बसने की फिराक में । अहमद 21 सितम्बर 2014 को हजरत निजामउद्दी से ग्वालियर आया था।

स्टेशन बजरिया पर मोबाइल की सिम खरीदने के लिए ऊर्दू का आई कार्ड दिखाया, तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। तलाशी में उससे हार्ड डिस्क, सीडी, बिना सिम के दो मोबाइल फोन, करीब तीन हजार रुपए और अरबी भाषा का एक खत मिला था। अहमद पर उस समय जासूसी का शक था।

आईबी एटीएस काउंटर इंटेलिजेंस ने भी इससे पूछताछ की थी, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी उसके मकसद और आने का जरिया नहीं उगवा पाई थी। अहदम जेल से छूटने के बाद अब थाने में महमानी कर रहा। पुलिस उसे हवालात में भी नहीं रख सकती है, इसलिए थाने के एक कोने में उसे रहने के लिए पुलिस सुरक्षा में जगह मुहैया कराई गई है।