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नोटिस देकर ठंडी पड़ी स्वास्थ विभाग की कार्यवाही

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Jan 15, 2018

इंदौर। अवैध क्लीनिक संचालक व झोला छाप डॉक्टरो के खिलाफ राज्य शासन से आदेश मिलने के बाद भी स्वास्थ विभाग तीन महीने बाद भी मात्र 25 डॉक्टरों पर ही कार्यवाही कर पाया है। जबकि स्वास्थ विभाग ने 200 से ज्यादा ऐसे क्लीनिक संचालको की लिस्ट बना रखी है। लेकिन स्वास्थ विभाग ने अभी तक सिर्फ 25 लोगो पर ही कार्यवाही की है। वह भी सिर्फ नोटिश जारी किए गए है। अभी तक न रजिस्ट्रेशन निरस्त किए है, न ही कोई कठोर कार्यवाही की गई है। दरअसल संयुक्त संचालक स्वास्थ विभाग ने सभी जिलों के सीएमएचओ को जांच के संबंध में आदेश दिए है कि जिले में ऐसे क्लीनिक संचालक जो अपनी पद्धति छोड़कर इलाज कर रहे है या बिना डिग्री और रजिस्ट्रेशन से मरीजों का इलाज कर रहे है। ऐसे में क्लीनिक संचालको के खिलाफ कार्यवाही कर लिस्ट सौंपी जाए लेकिन इंदौर जिले में स्वास्थ विभाग के पास 200 अवैध क्लीनिक संचालको की लिस्ट होने के बाद भी अभी तक सिर्फ 25 ऐसे लोगो पर कार्यवाही की है जिनको अभी सिर्फ नोटिस दिए गए है। जब की ऐसे क्लीनिक संचालको की लिस्ट आज स्वास्थ विभाग को देना है, और स्वास्थ विभाग इनमे से आधे लोगों पर भी कार्यवाही नहीं कर पाया है। इंदौर जिले के मुख्य स्वास्थ अधिकारी प्रवीण जड़िया से बात की तो उन्होंने बताया की स्वास्थ विभाग समय समय पर फर्जी और झोला छाप डॉक्टरो पर कार्यवाही करता है। संयुक्त संचालक स्वास्थ विभाग द्वारा अवैध रूप से क्लीनिक संचालित करने वाले पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे और कार्यवाही भी की गई है। ऐसे अवैध संचालको को नोटिस देकर जवाब माँगा गया है। वहीं फर्जी डॉक्टरो जैसे बंगाली डॉक्टर अपने ठिकाने बदलते रहते है। इस कारण उनपर समय पर कार्यवाही नहीं हो पाती है। स्वास्थ विभाग ऐसे डॉक्टरो के खिलाफ सख्त मुहीम चलाकर कार्यवाही करेगा। हालांकि राज्य शासन के निर्देश के बाद भी इंदौर स्वास्थ विभाग द्वारा सिर्फ अवैध क्लिनिक संचालको को नोटिस ही देना और जवाब मांगना व् उनके रजिस्टेशन रद्द न करना स्वास्थ विभाग के अधिकारियों पर कई सवाल खड़े करती है। मरीजों की जान के साथ खेलने वाले डॉक्टरो पर कार्यवाही की जगह सिर्फ नोटिश देना कई प्रश्नो को भी जन्म देती है। अब देखने वाली बात होंगी कि स्वास्थ विभाग के अधिकारी कब तक हरकत में आते है।