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बाल चिकित्सालय की लापरवाही, पीने के पानी में मिला मरा हुआ कुत्ता

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Jan 20, 2018

रतलाम। जहां एक और स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत लाखों करोंड़ों रुपया देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए खर्च किए जा रहे हैं। खुले में शौच मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है और विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाएं लागू की जा रही है। तो वहीं रतलाम का बाल चिकित्सालय इसका अपवाद नजर आ रहा है। आज रतलाम के बाल चिकित्सालय में पानी की किल्लत होने पर मरीज के परिजनों द्वारा रतलाम कलेक्टर को शिकायत करने के पश्चात जब चिकित्सालय प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच की कि पानी की सप्लाई क्यों अवरुद्ध हो रही है तो एक बड़ी लापरवाही सामने आई। बाल चिकित्सालय की पानी की टंकी जो कि एक प्याऊ के रूप में भी संचालित होती है उसकी जांच की गई तो पाया गया कि उसके दोनों ढक्कन खुले हुए थे और उसके अंदर एक मरा हुआ कुत्ता पड़ा हुआ था जिसे देखकर सभी सन्न रह गए। तत्काल नगर निगम को सूचना दी गई एवं नगर निगम के कर्मचारियों के द्वारा टंकी से मरा हुआ कुत्ता निकाला गया। शिकायतकर्ता ने बताया कि चिकित्सालय प्रशासन मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है जबकि मरीज इसी टंकी का पानी उपयोग करते हैं और यह पानी टॉयलेट के रूप में भी उपयोग होता है। जबकि इस दौरान प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. दीपक व्यास भी कहते नजर आए कि अच्छा हुआ समय पर पता लग गया डॉ. दीपक व्यास ने अपने कथन में स्वयं स्वीकार किया कि इस पानी का उपयोग यदि मरीज कर रहे थे तो यह उनके लिए हानिकारक था। उन्होंने कहा कि अब टंकी से पानी की सप्लाई रोक दी गई है और नई व्यवस्था की जा रही है टंकी की सफाई कर पानी की सप्लाई शुरू की जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि वह किसकी जिम्मेदारी तय करते हैं तो उन्होंने कहा कि मैं यह तय करने जा रहा हूं उल्लेखनीय टंकी के पानी का उपयोग लोग काफी समय से कर रहे थे। और समझा जा सकता है कि जिस चिकित्सालय पर लोगों को स्वास्थ्य देने की जिम्मेदारी है उसी चिकित्सालय से बीमारी बांटी जा रही थी अब देखना यह है कि जिम्मेदार अधिकारी इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं और क्या कार्रवाई करते हैं।