Jan 6, 2018
मन्दसौर। एक वक्त में मानव तस्करी का गढ़ कहलाने वाले मन्दसौर में एक बार पुनः मानव तस्करी का एक मामला सामने आया है। जिसमे अपनी नाबालिग बहन को देह व्यापार से निकालने के लिए खुद भाई ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। मामले में खास बात यह है की इसके तार महाराष्ट्र के पुणे से जुड़े हुए है।
मन्दसौर से पांच किलोमीटर की दूरी पर डी-गांव क्षेत्र से 5 जनवरी को पुलिस ने कार्यवाही कर एक नाबालिग लड़की को देह व्यापार से मुक्त कराया है। जिसकी सूचना खुद लड़की के भाई ने दी थी। दरअसल नाबालिग लड़की का परिवार महाराष्ट्र के पुणे का रहने वाला है जिनके पिता भी नहीं है। इसी का फायदा उठा कर आज से करीब 7 से 8 वर्ष पूर्व मुकेश चौहान नामक युवक 2 लड़की और उसकी माँ को बहला- फुसलाकर मन्दसौर ले आया था।
जिसने ही एक नाबालिग लड़की को 40 हजार में और एक नाबालिग लड़की को जिले के डी-गांव में 90 हजार में रामसुख नामक व्यक्ति को बेच दिया था। और मां की जिले के पानपुर मव ही शादी करवा दी थी। इस वक्त लड़की का भाई तीसरी कक्षा में पढ़ता था लेकिन अब भाई के बड़ा होने के बाद जब उसने अपनी बहन की तलाश शुरू की तो उसको पता हुआ कि उसकी बहन के साथ डी-गांव में ही वेश्यावृत्ति करवाई जाती है।
इस पर भाई ने अपनी एक नाबालिग बहन को वहां से निकालने की ठानी और वह अपनी बहन को डी- गांव छुड़वाने पहुँच गया। जहाँ उसके साथ मारपीट भी हुई। इसके बाद मन्दसौर जिले के ही पानपुर रह रही लड़के की मां ने एनजीओ संचालक आकाश चौहान से सहायता मांगी ।
जिन्होंने मन्दसौर एसपी को यह जानकारी देकर लड़की को छुड़वाया। इस मामले में पुलिस ने डी-गांव के ही निवासी रामसुख और राजा को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ पास्को एक्ट सहित धारा 370, 376 में प्रकरण दर्ज किया है तो वही मुख्य आरोपी मुकेश चौहान की अब भी पुलिस को तलाश है। पूरे मामले में पुलिस आरोपियों से बारीकी से पूछताछ कर रही है साथ ही अन्य बालिकाओं के संबंध में जानकारी भी एकत्रित कर रही हैं ।
इस पूरे मामले में एक भाई ने अपनी बहन को छुड़ाने के लिए साहस का परिचय देते हुए बिना हौंसला तोड़े अपनी बहन की तलाश जारी रखी, जिससे उसे अपनी बहन मिल गई। किन्तु बताया जाता है कि मध्यप्रदेश में ऐसी कई बहने है जो मानव तस्करी करने वाले रैकेट में फंस कर यहां लाई जा रही है। जिस पर हाईकोर्ट में दाखिल मन्दसौर के ही आकाश चौहान की पीआईएल पर हाइकोर्ट ने मप्र सरकार से जवाब मांगा है, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार अब भी नाकाम साबित हो रही हैं ।