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मप्र हाईकोर्ट : 13 साल से जेल में बंद 4 अपहरण के आरोपी हुए रिहा  

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Nov 16, 2017

ग्वालियर : हाईकोर्ट की बेंच ने अपहरण के एक मामले में 13 साल से जेल में बंद 4 आरोपियों को रिहा करने के आदेश दिए हैं, साथ ही पुलिस की कहानी को झूठा पाते हुए अधीनस्थ न्यायालय को निर्देश दिए हैं कि वह झूठा मामला बनाने वाले गवाह और 3 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विचारण की कार्यवाई शुरू करे।

दरअसल एक स्कूली छात्र का 27 नवंबर 2003 को आंतरी इलाके से अपहरण हुआ था। इस मामले में दयाराम, कल्लू, नवल सिंह और राम रतन को अपहरण की धारा में आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ अधीनस्थ न्यायालय में चालान पेश किया गया था।

जिसमें पुलिस की कहानी और गवाहों के बयान को सही पाते हुए कोर्ट ने सभी आरोपियों को सजा सुनाई, लेकिन आरोपियों ने एक आपराधिक अपील हाईकोर्ट की विशेष बेंच में दायर की थी। जिसमें उन्होंने खुद को झूठे केस में फंसाए जाने की बात कही थी।

हाईकोर्ट ने जब पूरे मामले को सरसरी तौर पर देखा, तो पुलिस की कहानी में कई पेंच नजर आए। अगवा छात्र की न तो ड्रेस मिली और न ही उसका स्कूल बैग, साथ ही फिरौती का पत्र छात्र की हैंड राइटिंग से मिलान हेतू नहीं भेजा गया।

पुलिस अफसर यह भी नहीं बता सके कि वह फिरौती की रकम कहां से और किस शक्ल में आरोपियों तक पहुंचाई थी। खास बात यह है कि जिन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विचारण की कार्यवाई शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं, उनमें तत्कालीन जांच अधिकारी मनोज मिश्रा, सुरेंद्र सिंह चौहान, एसएस सिकरवार और रमेश डांडे शामिल है।