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शवों को आखिर क्यों करना पड़ता हैं इनका इंतजार?

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Aug 26, 2017

रायसेन : जिले के गैरतगंज में स्थित शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति अब बद से बत्तर होती जा रही हैं। गैरतगंज शासकीय सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में कहने को तो 5 डॉक्टर हैं, लेकिन डॉक्टरों का अभाव हमेंशा से रहा हैं। अब स्थिति और भी अधिक खराब होती जा रही हैं।

केवल एक ही डॉक्टर टीआर ठाकुर हैं, जो बीएमओ पद पर नियुक्त हैं। एक ही डॉक्टर के भरोसे पूरा अस्पताल चल रहा हैं, जबकि क्षेत्र में अभी घर-घर मौसमी बीमारियों ने अपने पैर पसार रखे हैं। जिसमें सैकड़ों की संख्या में मरीज रोज इलाज कराने आते हैं, लेकिन इन मरीजों को गैरतगंज अस्पताल में डॉक्टरों के अभाव में इलाज नहीं मिल पा रहा हैं। कहने को तो इस अस्पताल में 5 डॉक्टर पदस्थ हैं, लेकिन सभी अपने-अपने या विभागीय कार्यो से गैरतगंज अस्पताल से बाहर हैं। अब तो हद ही हो गई।

एक नवविवाहिता ने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिसका पोस्टमार्टम गैरतगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर होना था, लेकिन डॉक्टर ना होने की वजह से गैरतगंज से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गढ़ी चौकी पर ही रात भर जीप (फोर व्हीलर) में महिला की डेड बॉडी रखी रही। जब दूसरे दिन बॉडी गैरतगंज अस्पताल लाया गया, तो अस्पताल में कोई भी डॉक्टर मौजूद ना होने की वजह से महिला के परिजनों को घंटो गैरतगंज के अस्पताल में डॉक्टर के आने का इंतजार करना पड़ा।

उसी समय एक और दूसरी महिला को लाया गया, जिसको किसी जहरीले जीव ने काटा था, जिससे उसकी भी मृत्यु होने के कारण उसे भी गैरतगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पोस्टमार्टम के लिये लाया गया। केवल 2 नर्सों के भरोसे अस्पताल चल रहा था। अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टर की व्यवस्था ना होने की वजह से मृतक के परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा, लेकिन उपस्थित लोगों की समझाइश पर मृतकों के परिजनों ने कुछ देर के लिए शांति बनाए रखें और फिर गैरतगंज से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बेगमगंज से डॉक्टर के आने पर मृतकों का पोस्टमार्टम हो पाया।