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सिंधिया परिवार का संपत्ति विवाद : कोर्ट ने दिया समझौते का मौका

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Sep 26, 2017

ग्वालियर : जिला अदालत के अपर सत्र न्यायाधीश ने सिंधिया परिवार को संपत्ति विवाद में समझौते के लिए एक और मौका दिया हैं। कोर्ट ने कहा हैं कि सभी पक्षकार आपस में बातचीत करें और समझौते की गुंजाइश दिख रही हैं, तो उससे कोर्ट को अवगत कराएं। इसके अलावा कोर्ट कमिश्नर के लिए वादी व प्रतिवादी से नाम मांगा हैं। इस मामले की सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी।

दरअसल साल 1976 में माधवराव सिंधिया और उनकी मां विजयाराजे सिंधिया यानि की राजमाता के बीच संपत्ति का बंटवारा हो गया था। इन दोनों के निधन के बाद संपत्ति में राजमाता की बेटी यशोधरा राजे, वसुंधरा राजे, ऊषा राजे का नाम रिकार्ड पर आया हैं। इन तीनों के नाम संपत्ति में न आएं, इसको लेकर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक सिविल दावा जिला कोर्ट में लगाया हैं।

इस दावे में मांग की हैं कि सिंधिया राजवंश की संपत्ति का उन्हें एकमय स्वामित्व दिया जाए। सिविल दावे में तर्क दिया कि ज्योतिरादित्य राजा के पुत्र हैं। उनके परिवार में राजा की गद्दी का कानून चलता हैं। राजा की गद्दी उसके बेटे को मिलती हैं।

गद्दी मिलने पर संपत्ति पर पूर्ण अधिकार राजा का होता हैं। ज्योतिरादित्य अकले बारिश हैं। इसलिए संपत्ति पर उनका एकाधिकार हैं। उनकी संपत्ति पर किसी दूसरे का नाम न दर्ज किया जाए। उन्होंने इस दावे में यशोधरा राजे, वसुंधरा राजे व ऊषा राजे को प्रतिवादी बनाया हैं।

कोर्ट ने चारों के बीच सुलह की कोशिश की हैं और समझौते के लिए एक मौका दिया हैं। दोनों पक्षों को समझौतानामा आगमी 6 अक्टूबर तक पेश करना हैं, अगर ऐसा नहीं होता हैं, तो कोर्ट अपनी ओर से फैसला सुनाएंगी।