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"शूटआउट एट लोखंडवाला" से प्रभावित होकर बना मिनी मुंबई का मायाभाई

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Sep 23, 2017

इंदौर : 25 मई 2007 को रिलीज हुई फिल्म "शूट आउट एट लोखण्डवाला" ने इंदौर के एक युवक पर अपना ऐसा असर छोड़ा कि उसने भी अपनी एक गैंग बनाने की ठान ली। खुद को क्राइम कि दुनिया का बेताज बादशाह बनाने के लिए महज 19 साल की उम्र में ही 1 दर्जन से ज्यादा अपराध कर डाले। जिसमें हत्या, लूट, चोरी सहित कई मामले 7 से ज्यादा थाना क्षेत्रों में दर्ज हैं। 

विवेक ओबराय कि फिल्म "शूट आउट एट लोखण्डवाला" से प्रभावित हो कर मिनी मुंबई का मायाभाई बनाना चाहता था। जेल में ही तैयार टैटू गैंग की और कई वारदातों को अंजाम दिया। हाथों में, कंधे पर, कलाई पर टैटू बना कर जुर्म की वो दास्तान बयां कर दी, जिसमें किसी की हत्या की, तो किसी के साथ लूट की। 

जी हां बात कर रहे हैं इंदौर कि टैटू गैंग की और इस गैंग का मुख्य सरगना हैं मोनू उर्फ अभिषेक, जो इंदौर का रहने वाला हैं। मोनू अपने 5 दोस्तों को साथ लेकर अपनी गैंग बनाई। मोनू कुख्यात मनोज नाइट्रा का साथी हैं।  

इस गैंग ने दिसम्बर 2013 में पलासिया थाना क्षेत्र में सब्जी व्यापारी रामपाल की हत्या की थी और साथ ही इसी क्षेत्र में सहित 7 अलग-अलग थाना क्षेत्रों में लूट, चोरी, मारपीट, हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं। 

इस गैंग से सख्ती से पूछताछ में खुलासे हुए हैं कि इस गैंग के सदस्य अविनाश, राहुल, करण, अनुराग और आदर्श में मुख्य आरोपी मोनू मायाभाई कि ऐसी दहशत थी कि उन्होंने फोन में भी मोनू का नाम माया भाई के नाम से सेव करके रखा था।

मोनू अपने हाथ पर रोज़ाना मायाभाई के नाम से अस्थाई टैटू बनवाना था। मोनू विवेक ओबराय की फिल्म "शूट आउट एट लोखण्डवाला" से इतना प्रभावित हुआ था कि उसने अपने साथ-साथ पूरी गैंग के हाथ पर या अन्य जगहों पर टैटू बनवाए हैं। 

पकड़े गए आरोपियों में 5 आरोपियों की उम्र 19 साल और एक की उम्र 21 साल की हैं। इन सभी पर 7 से ज्यादा थाना क्षेत्रों में 1 दर्जन से ज्यादा अपराध दर्ज हैं। अंडरवर्ल्ड की सत्य घटना  पर आधारित इस फिल्म ने इंदौर के युवाओं पर ऐसे असर किया कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी जुर्म की दुनिया में झोक दी।