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वायरस के रजिस्टेंट पॉवर बढ़ने से छह माह से पांच साल तक के बच्चे आ रहे बीमारी की चपेट में..

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Mar 6, 2019

विकास सिंह सोलंकी : बार-बार बदल रहे मौसम ने बच्चों से लेकर सभी उम्र के लोगो की सेहत बिगाड़ दी है। इससे छह माह से पांच साल तक के बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। वे सर्दी-खासी के साथ बुखार व निमोनिया से परेशान हैं। दरअसल, वायरस के बदले स्वरूप के कारण बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं।

वायरस का रजिस्टेंट पॉवर बढ़ा
डॉक्टरों के मुताबिक मौसमी बुखार के इस वायरस का रजिस्टेंट पॉवर पहले से बढ़ चुका है। यही कारण है कि दवाइयां भी जल्दी असर नहीं कर रहीं, वहीं लक्षण पता चलने में भी देरी हो रही है।शहर में इस समय सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में मौसमी बुखार से पीड़ित अधिक बच्चे पहुंच रहे हैं। इन्हें अचानक सर्दी-खांसी के साथ बुखार की समस्या है। कुछ बच्चों को जांच कराने पर निमोनिया भी सामने आ रहा है, जबकि पहले से इसके विशेष लक्षण भी नहीं दिख रहे।

शिशु रोग विशेषज्ञ के मुताबिक
एमवाय अस्पताल, पीसी सेठी अस्पताल व सिविल डिस्पेंसरियों में पहुंचने वाले मरीजों में 25 से 30 प्रतिशत छोटे बच्चे हैं। शहर में करीब 300 शिशु रोग विशेषज्ञ हैं। रोजाना 25 से 30 मरीज इनके पास भी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं जो सामान्य दिनों से दोगुना है। शिशु रोग विशेषज्ञ व सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया के अनुसार डॉक्टरों द्वारा एंटिबायोटिक के अधिक प्रयोग करने से भी बीमारी के शुरुआती लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं।

बच्चों के खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
वहीं दवाइयों के प्रति वायरस रजिस्टेंट पैदा कर रहा है जिससे जल्द लक्षण नजर नहीं आते। वायरस के मजबूत होने पर बीमारी ठीक होने में भी समय लग रहा है। बाहर के खाने से रखें परहेज डॉक्टरों के मुताबिक इस समय बच्चों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। नौ माह से दो साल तक के बच्चों के खानपान पर विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।