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भोपाल: मुश्किल हालातों ने सीखा दिया बोझ उठाना, रेलवे में पहली महिला कुली है लक्ष्मी

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Sep 23, 2019

जब हौसले बुलंद होते हैं तो बड़ी से बड़ी समस्या छोटी लगने लगती है, लेकिन हालात हावी होने का प्रयास करते हैं, तो वो औरत ही है जो बिना डरे डटकर उसका सामना करती है। हम आपको ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने मजबूरियों से हार नहीं मानी। परिवार को पालने और बच्चे को अच्छा भविष्य देने की कशमकश में मुश्किल हालातों से ही लड़ पड़ी। अपनी जिंदगी भारी न लगे, इसलिए यह महिला दूसरों का बोझा उठाती हैं। महिला का नाम लक्ष्मी है जो भोपाल की पहली महिला कुली है।

बिल्ला नंबर 13 भोपाल स्टेशन पर लक्ष्मी की पहचान बन चुका

पति की मौत अचानक हो जाने के बाद लक्ष्मी के सामने और कोई विकल्प नहीं था। सर से छत जा चुकी थी। बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़ रहा था, किन्तु उसकी फीस भरने तक के लिए पैसा नहीं था। कभी बड़े अरमानों से पति के घर पहुंची लक्ष्मी को सामने अंधेरे के सिवा और कुछ नज़र नहीं आ रहा था। पति राकेश कुली था, तो उसके मित्रों ने लक्ष्मी को रेलवे अधिकारियों से बात करने की सलाह दी। रेलवे के अधिकारियों ने नियमों का हवाला दिया और लक्ष्मी को मिला, बिल्ला नंबर 13, ये बिल्ला नंबर 13 भोपाल स्टेशन पर लक्ष्मी की पहचान बन चुका है। लक्ष्मी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की पहली महिला कुली हैं। लक्ष्मी रोज नाइट ड्यूटी करने भोपाल रेलवे स्टेशन आती हैं। शाम 6 बजे से ड्यूटी आरंभ होती है जो देर रात तक चलती है। लक्ष्मी कहती हैं कि कुलीगिरी करना उनकी विवशता है, क्योंकि वह अपने बच्चे को अच्छी परवरिश देना चाहती हैं। सबकी तरह उसने भी बच्चे को अच्छे स्कूल में भेजने, बड़ा आदमी बनाने का ख्वाब देखा है। ये अरमान वह पूरा करना चाहती हैं, किन्तु बिना सरकारी सहायता के ये मुमकिन नहीं लग पा रहा।