Oct 29, 2018
धर्मेन्द्र शर्मा : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संत समाज और धर्म के विरोधी हैं। इसलिए अब संत समाज अपने मन की बात करने निकला है और संत लोग प्रदेश के सभी मुख्यालयों में जाकर धर्म विरोधी सरकार की नीतियों का खुलासा जनता के बीच करेंगे। ताकि जनता के बीच सरकार का असली चेहरा सामने आ सके। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय पर मुख्यमंत्री को संतो की याद आती है लेकिन पिछले 15 सालों में मुख्यमंत्री ने संत समाज से मिलने के लिए समय नहीं निकाला और ना ही संतों की कोई पंचायत बुलाई। जबकि संत बार बार उनसे मिलने के लिए आग्रह करते रहे।
इसलिए संत समाज एकजुट होकर अपने मन की बात कहेगा। प्रदेश में नदियों के संरक्षण की थोथी बातें गौमाता की दुर्दशा एवं संतों के आश्रमों उनकी कुटिया को तोड़ने का कुचक्र चल रहा है। जिसके कारण संत समाज बेहद उद्वेलित है। कंप्यूटर बाबा 30 अक्टूबर को आयोजित होने वाले संत समागम में हिस्सा लेने ग्वालियर पहुंचे हैं। यहां शिंदे की छावनी में स्थित अपने एक अनुयाई के यहां वे कुछ पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संत समाज के सरकार विरोध का कोई भी दल फायदा ले उससे उन्हें कोई लेना देना नहीं वे तो लोगों को सरकार का असली चेहरा दिखाने सामने आए हैं।
उनके साथ आए संत ने कहा कि धर्म के नाम पर मंदिर और मस्जिद की बात की जा रही है। लेकिन धर्म का संरक्षण नहीं हो रहा है। इसलिए संत इस सरकार से बेहद खफा हैं और जनता के बीच पहुंचकर संत असलियत उजागर करेंगे। संतों का कहना है कि वे किसी दल विशेष के साथ नहीं है।