May 12, 2020
दशरथ सिंह कट्ठा : कोविड 19 के चलते लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों को लगातार अन्य राज्यों से श्रमिक स्पेशल ट्रेन के माध्यम से घर वापस लाया जा रहा है। ऐसे में मेघनगर स्थानीय प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है।
खाली बोतलें लेकर भटकते नजर आये श्रमिक..
बता दें कि, मेघनगर रेलवे स्टेशन पर पहुँचे श्रमिकों को लगातार 2 घण्टे से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी पीने का पानी नसीब नहीं हुआ। इतना ही नहीं मासूम बच्चे भी पानी की एक एक बूंद को तरसते नजर आए लेकिन स्थानीय प्रशासन ने श्रमिकों के लिए पीने के पानी की व्यवस्थाएं तक नहीं की। वहीं श्रमिक पीने के पानी की खाली बोतलें लेकर इधर उधर भटकते नजर आए। वहीं जब मजदूर नगर परिषद द्वारा लगाए गए पानी के नलों तक पहुंचे तो उनमें से भी पानी की एक बूंद भी मजदूरों को नसीब नहीं हुई।
स्थानीय प्रशासन की लापरवाही उजागर
जहां एक ओर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री पीएम मोदी और मध्य प्रदेश के मुखिया मामा शिवराज श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए माकूल व्यवस्था कर रहे हैं ताकि श्रमिकों को किसी चीज की परेशानी न हों। मगर स्थानीय प्रशासन लगातार लापरवाही कर पीएम मोदी और सीएम शिवराज के मंसूबों पर पानी फेर रहे हैं।
श्रमिकों को पीने का पानी तक नसीब न हुआ...
यही वजह है कि इन श्रमिकों को भरी गर्मी में ट्रेन से उतरने के बाद पीने का पानी भी नसीब नहीं हुआ। कई श्रमिक बस में बैठे पानी की खाली बोतलें दिखा कर अधिकारियों से पानी मांगते नजर आए। मगर इन श्रमिकों को बिना पानी उपलब्ध करवाए बसों को श्रमिकों के गृह जिलों की ओर रवाना कर दिया गया।
मीडिया से बचते नजर आये एस.डी.एम. पराग जैन
जब इस मामले को लेकर मीडिया ने स्थानीय जिम्मेदार प्रशासन एस.डी.एम. पराग जैन से श्रमिकों के जल संकट की जानकारी चाही तो इस मामले में कुछ कहने की बजाय वह पल्ला झाड़ते नजर आये व कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए।