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आंगनबाड़ियों में 15 बच्चे मिले कुपोषित

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Feb 22, 2019

मनीष खरे- सरकारी योजनाओं और सुधार के दावों के बीच शहरी क्षेत्र में कुपोषण पर काबू नहीं पाया जा सका है। बस्तियों में लगातार अतिकुपोषित बच्चे सामने आ रहे हैं। शासन द्वारा इन बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन शासन प्रशासन में फैले भ्रष्टाचार के कारण योजनाओं का लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा। यही कारण है कि छतरपुर जिला मुख्यालय के एक वार्ड में एक नहीं, बल्कि 15 बच्चे कुपोषित मिले।

जरूरतमंदों को विभाग की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा

छतरपुर जिले में महिला बाल विकास के दो मंत्री रहे है। प्रदेश में पूर्व भाजपा सरकार में महिला बाल विकास विभाग कि राज्यमंत्री रही ललिता यादव और वर्तमान में केंद्रीय राज्य मंत्री वीरेंद्र खटीक इसी विभाग के मंत्री हैं। उसके बावजूद विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ इतनी गहरी है कि जरूरतमंदों को विभाग की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा। नतीजतन छतरपुर शहर के विश्वनाथ कॉलोनी में 4  आंगनवाड़ी केंद्रों  में 15 बच्चे ऐसे हैं, जो कुपोषण के शिकार हैं। 

कुपोषित बच्चों के मामले को दबाने में जुटे अधिकारी

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शैलजा सोनी ने बताया कि कैवल्य जागृति संस्था कि सरिता अग्रवाल द्वारा कुपोषित बच्चों को गोद लिया जाना था, जिनके परीक्षण के लिए केंद्र क्रमांक 5, 6, 7 और 8 से बच्चे यहां आए थे। इनमें से 15 बच्चे कुपोषित मिले हैं। जब इस संबंध में छतरपुर के कलेक्टर मोहित बुंदस और महिला बाल विकास अधिकारी संजय जैन से बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासनिक अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति कितने सजग हैं।