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बड़वानीः आदिवासी बाहुल्य जिले की एक स्कूल की तीन छात्राओं का अंडर 17 फीफा वर्ल्ड कप के लिए चयन

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Oct 29, 2019

सचिन राठौड़ - अंडर 17 फीफा वर्ल्ड कप के लिए लगने वाले कैंप में संभावित 50 बालिकाओं का चयन हुआ है। उनमें से 3 बालिकाएं इसी स्कूल की हैं, जिसमें 2 बालिकाएं बड़वानी जिले की हैं। आदिवासी बाहुल्य जिले में बहुत कम सुविधाओं के बीच बालिकाओं की इस उपलब्धि की हर तरफ चर्चा है। बड़वानी आदिवासी बाहुल्य जिले में जहां संसाधनों का अभाव है और खेल की सुविधा ना के बराबर है, वहां इसके बावजूद जिले की छोटे गांव रहगुन और सेगांव दो बालिकाओं हितेषी चौधरी 15 वर्ष (सेगाव) और मधुबाला अलावे 13 वर्ष (रहगुन) का चयन अंडर 17 फीफा वर्ल्ड कप के चयन के लिए लगने वाले कैंप के संभावित 50 बालिकाओं में हुआ है। वहीं उन्हीं की स्कूल की पढ़ने वाली छात्रा वंदना यादव 14 वर्ष जो टीकमगढ़ रहती है, का भी चयन हुआ है।

कड़े अभ्यास और कोच और परिवार के सपोर्ट के चलते छात्राओं ने उपलब्धि की प्राप्त

चयनित छात्राएं कहती है कि भारतीय टीम के लिए खेलना उनके लिए ड्रीम है। कड़े अभ्यास और कोच और परिवार के सपोर्ट के चलते छात्राओं ने उपलब्धि प्राप्त की है। रोज 4 से 5 घंटे तक ग्राउंड पर मेहनत करती हैं और भारतीय टीम के चयन के लिए कड़ा अभ्यास कर रही हैं। हितेषी चौधरी कहती है कि पिता स्पोर्ट्समैन थे और भाई भी फुटबॉल खेलता था जिसको लेकर  फुटबॉल के प्रति रुझान बढ़ा संसाधनों का अभाव है। हमारे यहां की लड़कियों को प्रति लोगों का नजरिया अलग है, लेकिन परिजनों और कोचिंग स्टाफ के सहयोग के चलते उसे यह उपलब्धि प्राप्त हुई है। वह भारतीय टीम के लिए खेल कर नाम रोशन करना चाहती है। वहीं मधुबाला अलावे भारतीय टीम की कप्तान बनना चाहती है। साथ ही वह अपने गांव में खेल एकेडमी खोलना चाहती है, ताकि खेल प्रतिभाएं सामने आ सके। वहीं साकेत स्कूल के फुटबॉल कोच देवेंद्र जोशी अपनी उपलब्धि पर कहते हैं कि हमें सरकार से कोई मदद नहीं मिल पा रही। स्थानीय लोगों की मदद और स्कूल के सहयोग से हम एकेडमी चला पा रहे हैं। वह कहते हैं कि बड़वानी से भी खेल प्रतिभाएं निकल रही है, इसलिए सरकार को यहां भी फुटबॉल अकदमी खोलना चाहिए ताकि और प्रतिभाएं सामने आ सके।