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चित्रकूट स्थित ग्रामोदय विवि में राष्ट्रीय स्तर के 6 वैज्ञानिकों को किया सम्मानित

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Dec 8, 2018

रामनरेश श्रीवास्तव : चित्रकूट स्थित ग्रामोदय विश्वविद्यालय में आयोजित एक सेमिनार में देश के कई नामचीन वैज्ञानिक जुटे हुए हैंं, सेमिनार के उद्घाटन अवसर पर राष्ट्रीय स्तर के 6 वैज्ञानिकों को सम्मानित भी किया गया है। ज्ञात हो कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय के इतिहास में यह पहला विशाल वैज्ञानिक आयोजन है जिसमे करीब 4 सौ वैज्ञानिक, शिक्षाविद और शोधार्थी हिस्सा ले रहे हैंं।

बता दें कि चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में नेशनल एकेडमी आफ साइसेंस इंडिया(नासी) द्वारा प्रायोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया। यह संगोष्ठी नासी, दीनदयाल शोध संस्थान एवं महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में संपन्न की जा रही है। इस दौरान नासी का 88 वां वार्षिक अधिवेशन भी संपन्न हो रहा है। इस अवसर पर देश के जाने माने 06 वैज्ञानिकों आई .एस.सी. बंगलौर के प्रो. नवाकान्त भटट्, आई.आई.टी. मुम्बई के प्रो0 रोहित श्रीवास्तव, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय प्रो. प्रलय मैत्री को भौतिकीय विज्ञान के लिये तथा आई.सी.पी.टी. तंजौर के डा. सी.आनंदधर्मा कृष्णनन्, नेशलन ब्रेन रिसर्च सेन्टर गुरूग्राम के प्रो. नंदनी चटर्जी तथा जाधवपुर विश्वविद्यालय कोलकता के डा. पुलक कुमार मुखर्जी जैविकीय विज्ञान क्षेत्र से हैं । इन्हे अपने-अपने क्षे़त्रों में उत्कुष्ट योगदान के लिये विश्वविद्यालय प्रागंण में रिलांइस इंडस्ट्रीज प्लेटिनम जुबली अवार्ड  से सम्मानित किया गया।

गौरतलब है ​कि नासी के अध्यक्ष व बरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. अनिल काकोडकर ने 88 वें राष्ट्रीय  विज्ञान अकाडमी सम्मेलन व सतत् ग्रामीण विकास में विज्ञान, प्रौधोगिकी एवं परिस्थितिकी तंत्र की  भूमिका पर प्रकाश डालते हुये इस महत्वपूजी आयोजन की पृष्ठभूमि बतायी। उन्होने भारत में वैकल्पिक ऊर्जा के लिए संसाधनो की कमी का होना बताया। नासी द्वारा किये गये कार्यो की रूप रेखा को प्रो. काकोडकर ने प्रस्तुत करते हुये कहा कि देश में ग्रामीण विकास के क्षेत्र में विविध प्रकृति एवं प्रवृत्ति के कार्य हो रहे हैं। इन कार्यो से देश के सतत् ग्रामीण विकास की सम्भावनायें बनी है।

प्रो. काकोडकर ने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय सगोष्ठी की थीम को समझाते हुये कहा कि तीन दिनो के दौरान वैज्ञानिक एवं शोध अध्येयता विचार मथंन और प्रस्तुतियां देगें। इस सगोष्ठी कार्यक्रम में 400 से अधिक वैज्ञानिक, शिक्षविद एवं शोधार्थी अपनी प्रस्तुतियां देगें और लगभग 1200 विज्ञान प्रेमियों की उपस्थिति राष्ट्र् स्तरीय इस आयोजन में रहेंगी। जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के पूर्व सचिव एवं राष्ट्रीय सयोंजिका प्रो. मंजू शर्मा ने सगोष्ठी के चरणवद्व विषयों एवं तकनीकी सत्रों पर प्रकाश डालते हुये ग्रामीण एवं वैज्ञानिकों के मध्य तालमेल स्थापित करने क व्यवहारिक पक्ष प्रस्तुत किया।

महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट में चल रहे वैज्ञानिकों के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे नासी प्रयागराज के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल काकोडकर से मिलने के लिए क्षेत्र के युवा वैज्ञानिकों की विश्वविद्यालय परिसर में भीड़ लग गई। इन युवा वैज्ञानिकों ने विश्वविद्यालय में लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। c