Jul 15, 2018
एमजीएम मेडिकल कॉलेज लगातार विवादों में रहता है चाहे वह मेडिकल सीट को लेकर हो या फिर एक्जाम को लेकर हो यहां पर लगातर विवाद समाने आते रहे है ऐसा ही एक विवाद और भष्टाचार एक बार फिर सामने आया नियुक्ति को लेकर बताया जा रहा है कि एमजीएम कॉलेज में ओफ्थल्मोलॉजी डॉक्टर की दो पदों पर नियुक्ति निकली थी और इसमें डिक्लोम और एमडी स्तर के डॉक्टर आदेवन दे सकते थे।
दो लोगो का चयन किया गया था
दो पदो पर निकली नियुक्तियो को लेकर कई लोगो ने आवेदन दिए और उनमे से कई लोगो को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था इंटरव्यू के दौरान दो लड़कियों का सिलेक्शन हुआ जिसमे से एक एमडी स्तर की डॉक्टर थी और दूसरी डिप्लोमा स्तर की लेकिन जब फाइनल लिस्ट निकलती है तो डिप्लोमा स्तर को क्वालीफाई कर लिया जाता है वही एमडी इस्तर की लड़की को रिजेक्ट कर दिया जाता है।
जिम्मेदारों ने नहीं दिया कोई सटीक जवाब
जब पूरा मामला मिडिया के सामने आता है तो मीडिया जिम्मेदारों के पास नियमो को जानने पहुँचता है लेकिन जैसे ही जिम्मेदारों से नियमो के बारे में जानकरी ली जाती है तो जिम्मेदार एक दूसरे की बगले झांकते है और आपस में विचार विमर्श करते हुए मिडिया के सवालों का जवाब देते है जिम्मेदारों का कहना कि जो लड़की एमडी स्तर की थी उसका सिलेक्शन रतलाम में हो चुका था जिसके कारण उसे यहां पर क्वालीफाई नहीं किया गया।
कहा डिप्लोमा वालों को पहले मिलती है पात्रता
जब उनसे नियमो के बारे में पूछा गया कि एक डिप्लोमा इस्तर की लड़की को यह नौकरी कैसे दे दी गई तो उनका कहना था कि इंट्यूव के तीन चरण होते है पहले चरण में आवेदक की डिग्री देखि जाती है दूसरे चरण में उसके अवार्ड देखे जाते है और तीसरे चरण में उसका एक्सपियन्स दिखा जाता है और तीनो चरणों में होने वाले एक्जाम के कुछ माक्स रहते है और उसी माक्स के आधार पर आवेदक को नौकरी दी जाती है यदि उन चरणों में एमडी डिग्री वाला आवेदक फेल होता है तो उससे उस पद से रिजेक्ट कर दिया जाता है साथ ही साथ जिस किसी व्यक्ति ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज से डिप्लोमा किया होता है उस उस पद के लिए पहले पात्रता मिलती है चाहे आवेदक एमडी डिग्री वाला हो।