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भिंडः हितग्राहियों को मिलने वाला राशन बाजार में हो रहा नीलाम

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Jul 28, 2019

अर्पित गुप्ता- एक ओर जहाँ प्रदेश कांग्रेस सरकार द्वारा गरीब, किसानों को उनके हक दिलाने के वादे कर रही है तो वहीं कस्बे दबोह में संचालित उपभोक्ता भंडार के सेल्समैन सरकार को पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। मामला भिंड जिले के अंतिम छोर पर बसे कस्बे दबोह का है, जहाँ पर शासन के द्वारा हर माह हितग्राहियों को दिए जाने वाला राशन सिर्फ कागजों में दर्ज है। यहां बता दें कि नगर में संचालित इंदिरा गांधी महिला उपभोक्ता भंडार, दुकान कोड 116009 के सेल्समैन शासन को आइना दिखाते हुए हितग्राहियों को भारी चपत लगा रहे हैं। चाहे फिर बात हितग्राहियों को मिलने वाले मिट्टी के तेल, गेहूं, चावल या नमक की हो, पूरा राशन हितग्राहियों को चपत लगाकर डकारा जा रहा है।

कार्यवाही के नाम पर होती औपचारिकताएँ, आखिर क्यों नहीं होती कार्यवाही

शासन के निर्देशानुसार हर माह राशन वितरण किया जाना तय है लेकिन सेल्समैन द्वारा हर माह न बाँटते हुए 4 माह में केवल 2 महीने ही राशन बांटा जाता है और बांकी दो महीनों का बड़ा स्टॉक बाजार में नीलाम कर अपने जेब खर्च के लिए सुरक्षित कर लेते हैं। साथ ही अगर देखा जाए तो उपभोक्ता भंडार के सेल्समैन कस्बे में संचालित गल्ला मंडी में दुकानों पर आये दिन राशन बेचते देखे जा सकते हैं परंतु सम्बंधित अधिकारी केवल कार्यवाही की औपचारिकताएँ पूरी करते हैं न कि कोई कार्यवाही करते हैं। यहां बताना मुनासिब होगा कि कस्बे में संचालित इंदिरा गांधी महिला उपभोक्ता भंडार पर हितग्राहियों को दिये जाने वाले राशन में कटौती कर धांधली जोरों पर है, क्योंकि शासन के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को 5 किलो पर यूनिट राशन देना तय है लेकिन सेल्समैन द्वारा हितग्राहियं को सिर्फ तीन और चार यूनिट ही राशन दिया जा रहा है।  

दुकान पर सेल्समैन द्वारा उचित प्रबन्ध नहीं

यहाँ बता दें कि राज्य शासन की नीति के अनुसार उचित मूल्य का सामान उपभोक्ताओं के लिए विक्रय किये जाने की व्यवस्था की गई है। लेकिन इस दुकान पर सेल्समैन द्वारा उचित प्रबन्ध नहीं किये गये हैं। जैसे-उचित मूल्य की दुकान की सहज गोचर स्थान, खुलने का समय व दिन तारीख, स्टॉक सूचि, रेट फिक्स आदि आवश्यक सूचनाये न लगाया जाना सन्देह के घेरे में है। इसलिये पारदर्शिता न होने के कारण इन उचित मूल्य की दुकानों में भृष्टाचार भी चरम सीमा पर चल रहा है और इसमें उपभोक्ता को छला जा रहा है। इसके साथ नाप-तोल के लिए प्रमाणित यन्त्र भी नहीं है जैसे- केरोसीन नापने के लिए प्रमाणित लीटर, खाद्दान तोलने के लिए इलेक्ट्रॉनिक काँटा आदि भी इन भंडारों पर नहीं रखा गया है। साथ ही सेल्समैन द्वारा बीते माह का राशन भी बांटा नहीं गया। साथ ही शक्कर का वितरण तो महीनों से नहीं किया गया। इससे साफ स्पष्ट होता है कि सेल्समैन के द्वारा भारी चपत लगाई जा रही है।