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बागली : पाषाण प्रतिमा के रुप में तैरकर भगवान नृर्सिंह ने दिए भक्तों को प्रत्यक्ष दर्शन

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Sep 9, 2019

रवि पाटीदार : देवास जिले के हाटपिपल्या नगर का प्रमुख पारंपरिक ऐसा त्यौहार जिसमें सभी धर्म, वर्ण, वर्ग के लोगों की अतुलनीय भक्ति के साथ भगवान नृर्सिंह स्वयं प्रत्यक्ष रूप से भक्तों को दर्शन देते हैं। इस परंपरा का निर्वाह भक्त और भगवान के द्वारा कई वर्षों से किया जा रहा है, भगवान नृर्सिंह का ढोल बैंड बाजे एवं ढोल, ढमाको एवं अखाड़ों के साथ नृर्सिंह घाट पहुंचे। 

नृर्सिंह की आरती की एक लाख 1 रूपये की बोली 
नगर में जगह जगह अखाड़ों के उस्ताद खलीफाओं व मंदिर के पुजारियों का साफा बांधकर व पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया। उद्योगपति यशराज टोंग्या द्वारा भगवान नृर्सिंह की आरती की एक लाख 1 रूपये की बोली ली गई। शाम 6 के लगभग सभी मंदिरों के डोल पहुंचने के पश्चात डोल के कहारों द्वारा डोल को जल में झूलाया गया। सभी मंदिर के पुजारियों द्वारा नदी में स्नान कर आरती की गई। जिस पल की सभी को प्रतीक्षा थी वो पल करीब आ रहा था। पंडित श्री मोहनदास वैष्णव ने भगवान की मंगल आरती कर मंत्रोच्चार के पश्चात जैसे ही प्रतिमा को नदी के जल में छोड़ा पूरा घाट नृर्सिंहमय हो गया व श्रद्धालुओं द्वारा भगवान नृर्सिंह की जयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया। 

भगवान नृर्सिंह की पाषाण प्रतिमा को नदी के जल में छोड़ा 
नृसिंह मंदिर के पुजारी मोहनदास वैष्णव द्वारा तीन बार भगवान नृर्सिंह की पाषाण प्रतिमा को नदी के जल में छोड़ा गया। तीनों बार भगवान नृर्सिंह की पाषाण प्रतिमा लगभग 10 से 15 फीट तक तैरी इस दृश्य को देख सभी की भावना भक्तिमय हो गई। इसका यह अनुमान निकाला जाता हैं, कि इस वर्ष में आने वाले माह सभी के लिए सुखद व आनंदकारी होगें। उक्त कार्यक्रम में विधायक मनोज चौधरी, पूर्व बीज निगम अध्यक्ष शांतिलाल गामी, कैप्टन यशराज टोंग्या, चंद्राजी पाटनी लन्दन आदी शामिल हुए।