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जीवन रक्षक दवाओं की कमी से मरीज हो रहे परेशान, लोग महंगी दवाइयां खरीदने को मजबूर

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Oct 21, 2018

धर्मेन्द्र शर्मा - ग्वालियर चंबल संभाग के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य अस्पताल समूह में जीवन रक्षक दवाओं की कमी के चलते मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है उन्हें बाजार से महंगी कीमत पर दवाइयां खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है भले ही किसी के पास बीपीएल कार्ड अथवा दीनदयाल अंत्योदय कार्ड हो लेकिन अधिकांश मरीजों को पूरी दवाएं नहीं मिल पा रही है आधी अधूरी दवाई मिलने से मरीजों की जेब पर खासा असर पड़ रहा है कुछ मरीज के परिजन तो इतने गरीब है कि वे दवाई खरीदने में सक्षम नहीं है।

52 तरह की मेडिसिन से मरीजों वंचित

लेकिन अस्पताल प्रबंधन हमेशा की तरह दवाओं की उपलब्धता की बात कह रहा है पिछले दिनों मीडिया में सुर्खी बनी दवाओं की कमी को अस्पताल प्रबंधन सिरे से नकार रहा है लेकिन जब स्वराज एक्सप्रेस की टीम ने खुद मौके का जायजा लिया तो वहां मरीज दवाओं की कमी की बात कहते नजर आए पता चला है कि मैरोपिनम, मोनोसेफ, पिपरासिलीन, टेजोबैक्टम जैसे जीवन रक्षक एंटीबायोटिक दवाओं सहित 52 तरह की मेडिसिन मरीजों को मुहैया नहीं हो पा रही है।मरीजों के परिजनों को डॉक्टर बाजार से दवा लाने के लिए सलाह दे रहे हैं।

प्रशासक इस बारे में बात करने को तैयार नहीं

अस्पताल के मेडिसिन चर्म रोग बाल रोग और न्यूरो सर्जरी विभाग सहित सर्जरी में भी दवाओं की भारी किल्लत है जेएएच के दवा स्टोर में बुखार और दर्द के काम आने वाली डाइकलेपैरा ब्रूफेन, एंटी एलर्जी सिट्राजिन, मलेरिया की दवा लुमेरेक्स टेबलेट गैस्ट्राइटिस पेंटा प्राजोल आदि दवाओं की कमी बताई गई है खास बात यह है कि दवा वितरण का काम जेएएच के अधीक्षक के जिम्मे में रहता है लेकिन प्रशासक यानी संभागीय आयुक्त अधीक्षक स्टोर प्रभारी कोई भी बात करने को इस विषय पर तैयार नहीं है।

जिम्मेदार अधिकारी पल्ला झाड़ते आए नजर

डीन डॉ एस एन अयन्गर ने जरूर कहा कि वह दवाओं की उपलब्धता को लेकर स्टोर इंचार्ज से पूरी डिटेल मंगवा रहे हैं यदि दवा कम निकली तो उसका डिमांड भेजा जाएगा और स्टोर्स  इंचार्ज की कोई लापरवाही पाई जाती है तो विभागीय जांच भी कराई जा सकती है कुल मिलाकर मरीजों को बाजार से दवाई खरीदने के कारण दोहरी मार पड़ रही है। खास बात यह है कि बाजार से लिखी जाने वाली कई महंगी दवाओं में कमीशन का भी खेल धड़ल्ले से जारी है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं।