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डिंडोरीः नगर पंचायत और राजस्व विभाग की लड़ाई में पिस रही आम जनता, नहीं मिल रहा आवास योजना का लाभ

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Jun 13, 2019

शिवराम बर्मन- शाहपुरा नगर में नगर परिषद अध्यक्ष और शाहपुरा तहसीलदार के बीच मची खींचतान की वजह से लगभग दो सौ अड़तीस प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। नगर परिषद अध्यक्ष तहसीलदार पर नगर परिषद के कार्यो के लिये द्वेषपूर्ण काम करने का आरोप लगा रहे हैं तो वहीं तहसीलदार अध्यक्ष पर अपने चहेतों को फर्जी तरीके से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने का आरोप लगा रहे हैं।

केंद्र सरकार की आवासहीन गरीब लोगों के लिये चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है प्रधानमंत्री आवास योजना। इस योजना का उद्देश्य है गरीबों के कच्चे घरों को तोड़ कर पक्के घरों का निर्माण करवाना। शाहपुरा नगर परिषद ने लगभग दो सौ अड़तीस पात्र हितग्राहियों की लिस्ट एसडीएम शाहपुरा को कलेक्टर के अनुमोदन के लिये सौपी थी, लेकिन आज तक वह लिस्ट फाइनल नहीं हो पाई।

प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम आने के बाद भी नगर परिषद द्वारा किश्त नहीं दी जा रही

प्रधानमंत्री मंत्री आवास योजना के पात्र हितग्राहियों का आरोप है कि लगभग एक साल पहले उनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना में आने के बाद भी नगर परिषद द्वारा किश्त नहीं दी जा रही है। अब तो हमारा आवास बन सके, ऐसा कहीं नज़र नहीं आ रहा। प्रधानमंत्री आवास योजना की हितग्राही सोमवती बरमैया का कहना है कि वर्ष 2008 में मुख्यमंत्री आश्रय योजना के तहत जमीन का पट्टा मिला था जिसमें कच्चा घर बना हुआ है। परिवार में पांच सदस्य है। नगर परिषद में एक साल पहले प्रधानमंत्री आवास योजना देने का कहा था, नाम भी लिख कर ले गए लेकिन अभी तक कुछ समझ नहीं आ रहा है। वहीं दूसरे हितग्राही मदन बरमैया का कहना है कि वर्ष 1998 में राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत तत्कालीन सरकार ने जमीन का पट्टा दिया था। प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत होने की बात नगर परिषद कह रही है लेकिन अभी तक तो एक भी किश्त नहीं मिली।

एक दूसरे के खिलाफ लगा रहे आरोप, हितग्राही परेशान

प्रधानमंत्री आवास योजना के लगभग दो सौ अड़तीस पात्र हितग्राहियों के बारे में जब नगर परिषद के अध्यक्ष राजेश गुप्ता से बात की गई तो उनका आरोप है कि कलेक्टर के अनुमोदन के लिए शाहपुरा एसडीएम को ग्यारह महीने पहले लिस्ट सौंपी थी, लेकिन एसडीएम ने तहसीलदार एन. एल. वर्मा की अगुवाई में जांच टीम गठित कर दी और तहसीलदार ने बिना राजस्व की टीम के सर्वे कराए पात्र हितग्राहियों को अपात्र घोषित कर दिया। किसी के नाम के सामने शासकीय जमीन लिख दिया तो किसी के सामने पक्का मकान दर्ज कर दिया, जिससे लिस्ट अटकी हुई है। एक बार तो अध्यक्ष ने तहसीलदार कार्यालय के सामने ही लिस्ट को लेकर धरना तक दे दिया था। अध्यक्ष का आरोप है कि तहसीलदार द्वेषपूर्ण कार्य कर रहे हैं, इतना ही नहीं नगर परिषद के विकास कार्यो को भी आये दिन रोकने का प्रयास करते ही रहते हैं। वहीं जब शाहपुरा तहसीलदार एन. एल. वर्मा का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र हितग्राहियों को पहले ही लाभ दिया जा चुका है। ये जो लिस्ट आई थी, ये सब नगर परिषद अध्यक्ष राजेश गुप्ता के चहेते हैं। नगर परिषद से कई बार दस्तावेज भी मांगे गए लेकिन उपलब्ध ही नहीं कराए जा रहे हैं। सर्वे टीम ने सर्वे किया है और मौखिक बयान के आधार पर लिस्ट तैयार की गई है।