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पांचवी अनुसूची का पूर्ण क्रियान्यवयन एवं वनाधिकार को लेकर निकाली गई डिण्डौरी से भोपाल पदयात्रा

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Feb 10, 2019

शिवराम बर्मन - डिण्डौरी, कलेक्ट्रेट परिसर के सामने समाज के प्रतिनिधियों के द्वारा संबोधन के पश्चात आदिवासी महापंचायत मध्यप्रदेश के तत्वावधान में 500 सौ से अधिक कार्यकर्ताओ के व्दारा भोपाल तक शांतिमार्च जनआंदोलन पदयात्रा की सुरुआत डिंडोरी जिले से प्रारंभ की, रूढ़ीप्रथा पारंपरिक ग्रामसभा स्थाई समिति आदिवासी महापंचायत मध्यप्रदेश के तत्वाधान में वरिष्ठ आदिवासी समाज सेवी हरी सिंह मरावी के नेतृत्व में डिण्डौरी से लेकर भोपाल तक शांतिमार्च जनआंदोलन पदयात्रा की जा रही है।

अनुसूचित क्षेत्रों में पांचवी अनुसूची लागू

पारंपरिक ग्रामसभा की विज्ञप्ति में बताया गया है, हमारे देश में अनेको आक्रमण हुए अंग्रेजों के आने के  बाद अंग्रेजो ने इस देश में अपनी कंपनी सरकार चलाने के लिए नियम कानून बनाए उन कानूनों में सबसे ज्यादा कानून इस देश के इण्डीजिनियष मूलनिवासियों के लिए बनाए गए हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ और 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ संविधान लागू होने के बाद संविधान के अनु. 244 (1) के तहत अनुसूचित क्षेत्रों में पांचवी अनुसूची लागू की गई अनुसूची के तहत इन क्षेत्रों में प्रशासन और नियंत्रण के लिए कानून बनाए जाने थे लेकिन आज भी समान्य क्षेत्र की भांति इन क्षेत्रों में प्रशासन और नियंत्रण संचालित है।

अनुसूचित क्षेत्र में दिये गए समस्त अधिकार लागू हों

वनाधिकार अधिनियम 2006 संषोधन अधिनियम 2013 के तहत पीढि़यों से वनभूमि पर काबिज हितग्राहियों को भूमि का मालिकाना हक दिया जाना है लेकिन आज भी हजारों हितग्राहियों को वनभूमि का मालिकाना हक नहीं दिया जा रहा है अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थ पुलिस विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं दी जा रही है ना ही वरिष्ठता के आधार पर ना ही समान्य प्रशासन विभाग के द्वारा जारी पदोन्नति अधिनियम 2002 का पूर्ण पालन नहीं किया जा रहा है। मण्डला की बहुचर्चित परमाणु परियोजना चुटका परियोजना को निरस्त करने तथा सरकार को पुर्नविचार करने के लिए मांग रखी गई है साथ ही रानी अवंतिसागर परियोजना बरगी बांध से सिवनी एंव मण्डला जिले में वॉटर हारवेस्टिंग सिस्टम प्रोजेक्टर बनाकर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जावे मुख्य मांग है।

19 मांगों को लेकर जनआंदोलन का शुभारंभ

विधानसभा चुनाव 2018 वचन पत्र में पूरा करने वचन किया है लेकिन आदिवासी क्षेत्रों के लिए कोई निर्देष जारी नहीं किया जा रहा है जिससे समाज स्वंय अपने बैनरतले संघर्षरत है, डिण्डौरी रानी दुर्गावती प्रतिमा स्थल पर पूजन किया गया, महापुरूषों को श्रंद्धाजली अर्पित कर लगभग 500 कार्यकर्ता पदयात्रा में सम्लित रहेंगे इस यात्रा में मुख्य रूप से पंचम सिंह तेकाम रूढ़ीप्रथा पारंपरिक ग्रामसभा, श्याम कुमारी धुर्वे प्रमुख महिला प्रको, राजीव परस्ते, रमैया सैयाम, आंनद परस्ते, धुव्र परस्ते, माधव सिंह मरकाम, हरीषचंद्र मरकाम जीएसयू, तथा समस्त रूढ़ी प्रथा पारंपरिक ग्रामसभा के मुकददम, दवान, पंचगण शामिल होकर चल रहे हैं।