Loading...
अभी-अभी:

8वीं कक्षा के छात्र ने तैयार किया “फसल का च्वनप्राश” फसल के उत्पादन में तेजी से होगी 10-25 प्रतिशत की वृद्धि

image

Feb 10, 2019

पुरुषोत्तम पात्रा - उन्नत फसल के लिए कई प्रकार की खाद दवाईयों का इस्तेमाल करना पडता है यदि दवाईयां सस्ती और जैविक हो तो किसान के लिए ये किसी सोने पे सुहागा से कम नही होगा गरियाबंद के एक स्कूली छात्र ने ऐसी ही एक दवाई इजाद की है जिसे किसान कम लागत में घर पर ही तैयार करके अपनी फसल का उत्पादन बढा सकता है छात्र की इस दवाई को विज्ञानिकों के बडे प्लेटफॉम पर अच्छा रिस्पॉस मिल रहा है।

वनस्पतियों से तैयार च्वनप्राश

गरियाबंद के झरियाबाहरा स्कूल में 8वीं के छात्र गिरधर यादव ने उन्नत फसल के लिए एक च्वनप्राश तैयार किया है जिसके इस्तेमाल से फसल के उत्पादन में 10 से 25 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है सबसे अहम बात तो ये है कि ये च्वनप्राश जंगल की वनस्पतियों से तैयार किया गया पुरी तरह जैविक उत्पाद है किसान महज 100 से 150 रुपये खर्च करके एक एकड के लिए ये च्वनप्राश घर पर ही तैयार कर सकते है गिरधर अबतक राज्य और अंतर्राज्जीय विज्ञान प्रदर्शनी में भाग लेकर इंस्पायर्ड आवार्ड जीत चुका है और अब 15 फरवरी को आईआईटी दिल्ली में अपने उत्पाद का प्रदर्शन करने जा रहा है।

किसानों के लिए लाभकारी है च्वनप्राश

उत्पाद को लेकर गिरधर के दादा ने दावा किया है कि वे इसका इस्तेमाल घर की बाडी में कर चुके है जिसका अच्छा असर उन्हें देखने को मिला है आसपास के ग्रामीण सहित बोइरगॉव के मुखिया सुन्दर सिंह ने भी उनके घर जाकर इसका असर देखने के बाद इसका इस्तेमाल किसानों के लिए लाभकारी बताया गिरधर की इस उपलब्धी के बाद झरियाबाहरा मिडिल स्कूल अचानक सुर्खियों में आ गया है प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढने वाले अधिकांश बच्चें जहॉ इंस्पायर्ड आवार्ड के बारे में जानते तक नही वही जंगल इलाके में संचालित झरियाबाहरा मिडिल स्कूल से तीन छात्र ये आवार्ड हासिल कर चुके है।

गिरधर ने प्राप्त किया इंस्पायर्ड आवॉर्ड

10 साल में गिरधर स्कूल से इंस्पायर्ड आवार्ड हासिल करने वाला तीसरा छात्र है उनसे पहले दो छात्र ये आवार्ड हासिल कर चुके है, स्कूल के शिक्षकों के मुताबिक इसके लिए वे शासन से मिले टॉपिक पर बच्चों से विशेष तौर पर तैयारी करवाते है गिरधर का उत्पाद किसानों के लिए तो फायदेमंद साबित हो ही सकता है, उससे ज्यादा ग्रामीण परिवेश में रहकर शिक्षा अर्जित कर रहे बच्चों के लिए प्रेरणा का काम करेगा गिरधर की इस उपलब्धि को देखकर कहना गलत नही होगा कि बडे सपने देखने के लिए बडा होना जरुरी नही है बल्कि बडा बनने के लिए बडे सपने देखना बहुत जरुरी है।