Nov 2, 2019
इऱफान खान - शहड़ोल जिला मुख्यालय में जिला चिकित्सालय की लापरवाही के चलते प्रसूता सुधा गुप्ता की मौत के बाद अब परिजनों ने कैंडल मार्च निकालकर दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। जिले के सर्व समाज के सैकड़ों लोगों ने कलेक्टर को सात दिन का समय देते हुये कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। वहीं व्यापारी संघ के अध्यक्ष लक्ष्मण गुप्ता ने कहा कि यदि प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं की गई तो वह आत्मदाह करेंगे।
शहड़ोल जिला मुख्यालय में जिला चिकित्सालय की लचर व्यवस्था और वहां पदस्थ दोषियों पर कार्यवाही को लेकर जिले के सर्वसमाज के सैकड़ों लोगों ने मिलकर आज कैंडल मार्च निकाला। बीते 23 अक्टूबर को जिला चिकित्सालय में खैरहा ग्राम की रहने वाली प्रसूता सुधा गुप्ता की डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मौत हो गई थी। वहीं चार दिन बाद सुधा के नवजात ने भी दम तोड़ दिया था। जिसके बाद परिजनों के साथ ही जिले भर में इस घटना को लेकर काफी आक्रोश था।
परिजन लगा रहे डॉ. उमेश नामदेव और डॉक्टर डी.के. सिंह पर हत्या का आरोप
आज सर्वसमाज के सैकड़ों लोगों ने एकजुट होकर कैंडल मार्च निकाला और मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुये दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। सर्वसमाज के लोगों ने सात दिन का अल्टीमेटम देते हुये जिला चिकित्सालय में सिविल सर्जन डॉ. उमेश नामदेव और डॉक्टर डी.के. सिंह पर हत्या का मामला कायम करने की मांग की। वहीं व्यापारी संघ के अध्यक्ष लक्ष्मण गुप्ता ने प्रशासन द्वारा कार्यवाही ना करने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है। आपको बता दें कि शहड़ोल जिले की कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय में बीते तीन माह में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते यह पांचवी मौत है। वहीं आये दिन इस तरह की घटना के बाद पूरे जिले में जहां भारी रोष है, वहीं अस्पताल की प्रशासनिक व्यवस्था और डॉक्टरों की कार्यप्रणाली पर लगातार सवालिया निशान लग रहा है।