Nov 24, 2019
इलयास खान - मप्र में नगरीय निकाय चुनाव से पहले लोकायुक्त टीम निकायों में हुए जमकर भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही के लिए खड़ी हो गई है। ताजा मामला रायसेन जिले के बरेली नगर पंचायत का है, जहाँ सीएमओ और नगर पंचायत अध्यक्ष ने मिल कर करोड़ों का गोलमाल कर दिया। ऐसी शिकायत मिलने के बाद भोपाल लोकायुक्त विभाग ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच रायसेन जिला कलेक्टर को करने के लिये मामला भेज दिया हैं। शिकायतकर्ता ने साक्ष्य सहित लोकायुक्त को बताया कि बरेली नगर पंचायत द्वारा सीएमओ और अध्यक्ष की मिलीभगत से नगर पंचायत के करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया। जिसके चलते नगर के लोगों को 4 सालों से धूल और गड्ढे भरी सड़क पर से गुजरना पड़ रहा है। नगर पंचायत क्षेत्र में बनने वाले प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री पेयजल योजना के तहत बन रही नर्मदा परियोजना में भ्रष्टाचार के साथ, नगर पंचायत क्षेत्र में बिछने वाली पाइप लाइन को ग्राम पंचायत कामतोन एवं ग्राम पंचायत धौखेड़ा के क्षेत्र में भी बिछा दिया गया एवं उसका पैसा निकाल कर जमकर बंदरबांट किया गया।
बरेली एसडीएम, तहसीलदार पीडब्ल्यूडी एसडीओ एवं नायब तहसीलदार तीनों अधिकारियों का संयुक्त दल बनाकर जांच शुरू
इधर जिला प्रशासन ने भी लोकायुक्त की मंशा को समझते हुए जांच के लिए एसडीएम बरेली सहित तीन अधिकारियों का दल बनाकर कार्यवाही शुरू कर दी है। दअरसल बरेली के रहवासी रवि ठाकुर ने नगर पंचायत की 7 बिंदुओं पर शिकायत कर, यहां की नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गुंजन गिरीश पालीवाल एवं सीएमओ श्यामसुंदर श्रीवास्तव पर तथ्यों के साथ करोड़ों रुपयों का घोटाला करने की शिकायत लोकायुक्त भोपाल में 3 अक्टूबर 2019 की थी। जिसके बाद लोकायुक्त के विधिक सलाहकार ने पत्र लिखकर शिकायत से संबंधित दस्तावेज मांगे थे। शिकायतकर्ता रवि ठाकुर की रिपोर्ट एवं साक्ष्यों के आधार पर लोकायुक्त भोपाल में इस मामले में शिकायत दर्ज कर कलेक्टर रायसेन को जांच के लिए पत्र लिखा है। जिस पर रायसेन कलेक्टर उमा शंकर भार्गव ने बरेली एसडीएम बृजेंद्र रावत से समय सीमा में जांच पूरी कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया है। इस मामले में बरेली एसडीएम, तहसीलदार पीडब्ल्यूडी एसडीओ एवं नायब तहसीलदार तीनों अधिकारियों का संयुक्त दल बनाकर जांच शुरू कर दी है।