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उज्जैनः महिदपुर जिला बनाने का मामला गहराया, आक्रोशित जनता ने आंदोलन को लेकर प्रशासन को दी घेराव की चेतावनी

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Jun 20, 2019

अनिल बैरागी- महिदपुर जिला बनाने का मामला अब बहुत ज्यादा गहरा गया है। हजारों की संख्या में लोग इक्ट्ठा होकर महिदपुर के बस स्टेण्ड पर पहुंचे, जिसे देखकर प्रशासन सकते में आ गया है।

महिदपुर को जिला बनाने व नागदा जिले से महिदपुर का नाम हटाने को लेकर आखिरकार जनता सड़क पर उतर आई और अपनी मांगों को लेकर आंदोलन के साथ प्रशासनिक अधिकारियों से घेराव तक की बात कह डाली। जिसके बाद सकते में आए प्रशासनिक अधिकारी बस स्टैंड पर चल रही सभा में मौजूद हजारों की तादाद में एकत्रित जनता के सामने पहुंचे और मंच से जनता की बात सुन मांगों को लेकर ज्ञापन लिया।

आपको बता दें कि 5 दिनों से महिदपुर जिला बनाओ या नागदा से महिदपुर का नाम हटाओ का घटनाक्रम चला रहा है, जिसको लेकर महिदपुर जिला बनाओ समिति के अध्यक्ष डॉ आर सी ठाकुर सचिव आशीष सकलेचा, व कोषाध्यक्ष दयालदास उथरा ने अपने सभी सहयोगियों के साथ महिदपुर को नागदा में ना शामिल होने को लेकर मुहिम छेड़ दी। जिसमें हर तबके, हर वर्ग, हर समाज सेवी, यहां तक कि कांग्रेस, बीजेपी के आला नेता और क्षेत्रीय विधायक भी शामिल हुए। सभी लगों ने सड़कों पर उतर अपना विरोध जताते हुए 19 तारीख को भरी दोपहर में बस स्टैंड हजारों जनता के साथ पहुंचे। सबसे बड़ी हैरत की बात यह है कि तपती धूप बारिश के बीच क्या महिलाएं, क्या बच्चे, क्या बूढ़े, सभी लोगों ने इस आंदोलन में बढ़ कर हिस्सा लिया और अपनी जायज मांगों को लेकर घंटों सभा स्थल पर डटे रहे।

प्रशासनिक कार्यालय छावनी में तब्दिल, जनता के सामने पहुंचा प्रशासन

दूसरी ओर जनता ने प्रशासन को घेराव की जैसे ही चेतावनी दी तो अनु विभागीय कार्यालय को छावनी में तब्दील कर दिया गया। वहीं मौके पर पहुंचे एसडीएम त्रिपाठी अपने पूरे दल के साथ मंच पर पहुंचे और स्थानीय जनता के सामने महिदपुर जिला बनाओ समिति के पदाधिकारी कांग्रेस के नेता व भाजपा विधायक बहादुर सिंह चौहान के हाथों से ज्ञापन लेकर, महिदपुर को नागदा में ना शामिल करने का आश्वासन देते हुए, अपनी बात कही। जिसके बाद आंदोलन में तब्दील होने से पहले ही जनता ने अपने गुस्से को शांत किया। सबसे रोचक बात यह रही कि कुछ लोग इस अंदाज में विरोध कर रहे थे, जिसे देख हर एक व्यक्ति के मन में एक सवाल खड़ा हुआ कि क्या नायाब तरीका है विरोध करने का। जहां पूरी काली ड्रेस में जिस पर लिखा हुआ है कि लाठी डंडे खाएंगे, महिदपुर को जिला बनाएंगे। है ना हैरत की बात। जनता का आक्रोश अपनी जगह, प्रशासन की बात अपनी जगह। बहरहाल अब देखना होगा किस तरह से प्रशासन यह बात सरकार तक कितनी जल्दी पहुंचाता है और जनता की मांगों पर कितना अमल होता है।