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ग्वालियरः जयारोग्य अस्पताल के कार्डियक यूनिट में साढ़े 6 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुई कैथ लैब

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Sep 4, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा - ग्वालियर अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल के कार्डियक यूनिट में अब कैथ लैब बनकर तैयार है। इसका शुभारंभ पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं प्रदेश सरकार की चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयालक्ष्मी साधो ने किया। करीब साढ़े 6 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुई इस कैथ लैब में ग्वालियर अंचल व उसके आसपास के राज्यों से आने वाले हृदय रोगियों को एंजियोप्लास्टि, एंजियोग्राफी के लिए अब दिल्ली नहीं जाना होगा, उन्हें तत्काल यहीं इलाज  मिल सकेगा।

ग्वालियर अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल समूह में जुलाई 2015 में कार्डियक यूनिट स्थापित हुई थी। साथ ही कैथ लैब भी बनना प्रस्तावित थी। कार्डियक यूनिट का तो शुभारंभ हो गया, लेकिन कैथ लैब का प्रोजेक्ट कागजों में ही अटका पड़ा रहा। अब कहीं जाकर साढ़े छह करोड़ की लागत से कल इस लैब का विधिवत शुभारंभ गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के सभागार में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयालक्ष्मी साधो ने किया है। कैथ लैब के शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयालक्ष्मी साधो ने कहा कि हृदय रोग से पीड़ित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसको देखते हुए कैथ लैब स्थापित करना बेहद जरूरी है और वे ग्वालियर के बाद भोपाल और प्रदेश के कई मुख्यालय पर इसकी शुरुआत करवाएगी। जिससे इस लैब के बनने से गरीब आदमी को कम खर्च में बेहतर इलाज मिल सकेगा।

हृदय से जुड़े सभी उपचार जेएएच में ही हो जाया करेंगे

ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल समूह में बने कार्डियक यूनिट में इस कैथ लैब को बनाया गया है। पहले यहां ह्दय रोगियों का चेकअप एवं दवाओं से तो उपचार किया जाता था, लेकिन एंजियोप्लास्टि, एंजियोग्राफी व पेस मेकर के लिए मरीज को दिल्ली जाना पड़ता था। दिल्ली में भी भीड़ अधिक होने के कारण कई दिनों बाद नंबर आ पाता था। जिसके चलते मरीज के परिजनों का पैसा भी अधिक खर्च होता था। हालांकि कुछ डॉक्टर ग्वालियर आकर एंजियोप्लास्टि, एंजियोग्राफी करते हैं, लेकिन डॉक्टर उपचार करके दिल्ली लौट जाते हैं। बाद में रूटीन चेकअप के लिए लोगों को दिल्ली जाना पड़ता है। अंचल में इस कैथ लैब की सौगात मिलने से हार्ट के मरीजों को अब दिल्ली की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा और हृदय से जुड़े  उनके सभी उपचार जेएएच में ही हो जाया करेंगे।