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सतनाः सरकारी स्कूल में अपनी बेटी का दाखिला करा कर कलेक्टर ने पेश की मिसाल

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Nov 26, 2019

वरूण शर्मा - हाई एजुकेशन की दौड़ के बीच प्रदेश की सीईओ लोकसेवा की मिसाल पेश करते नजर आई है। सीईओ ने ढाई साल की अपनी बेटी का दाखिला आंगनबाड़ी केंद्र मे करवाकर सरकारी स्कूलों से आम जनता के मोह भंग होने के बीच एक संदेश देने का काम किया है। मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों की गिरते शिक्षा के स्तर व शिक्षक की कमी के बीच तत्कालिक खंडवा कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल पति कटनी कलेक्टर पंकज जैन ने पहली बार अपनी 14 माह की बेटी पंखुड़ी का दाखिला आंगनवाड़ी में कराया था। जिसके बाद राज्यपाल ने पत्र लिखकर उनकी प्रशंसा की थी। इसके बाद एक बार फिर सतना जिले के रामनगर में पदस्थ जनपद सीईओ प्रेरणा सिंह अपनी ढाई साल की बेटी मणिकर्णिका सिंह का दाखिला आंगनबाड़ी केंद्र में करवा कर आम जनता के बीच लोकसेवा की मिसाल पेश की है।

देश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए जरूरी है सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाना

दरअसल जनपद पंचायत सीईओ प्रेरणा सिंह बाल दिवस के दिन जनपद पंचायत में हुये कार्यक्रम पर आंगनबाड़ी केंद्र इटमाकला में पढ़ने वाले बच्चों की शानदार प्रस्तुतियों से प्रभावित हो गई और उन्होंने मन ही मन अपनी बेटी का दाखिला कराने का फैसला कर लिया। सीईओ प्रेरणा सिंह ने बेटी के दाखिला की फॉर्मेलटी पूरी कर बेटी मणिकर्णिका सिंह को आंगनवाड़ी लेकर पहुँच गई। महज ढाई साल की मणिकर्णिका सिंह हर रोज आम बच्चों की तरह आंगनवाड़ी आती है। वहाँ पढ़ती है, बच्चों के साथ खेलती है, खाती है। मणिकर्णिका सिंह के दाखिला के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र की व्यवस्था शिक्षा का स्तर मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था को चार चाँद लग गये हैं। सीईओ प्रेरणा सिंह कहना है कि जब किसी सरकारी अफसर के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करते हैं तब स्कूलों के बिगड़े हालत और पढ़ाई के स्तर में खुद ब खुद सुधार हो जाता है। शिक्षक समय से स्कूल आते हैं, संजीदगी से कक्षा में पहुँचते हैं और पढ़ाते भी हैं। यदि देश में शिक्षा के स्तर को सुधारना है तो अधिकारियों को अपने बच्चों का एडमिशन निजी स्कूलों में नहीं बल्कि इन केंद्रों में कराना होगा।