Aug 22, 2018
शैलेन्द्र पँवार - यूं तो सरदारपुर तहसील क्षेत्रांतर्गत कई तालाब आरईएस विभाग द्वारा ठेकेदार और जेसीबी से बनाकर सरकार की मनरेगा योजना को तगड़ा चूना लगा चुके हैं लेकिन अब इस विभाग में ठेकेदारी प्रथा बंद होने के बावजूद फर्जी तरीके से फिर ठेकेदारी करने वाले ठेकेदारों के हौसले गुंडागर्दी पर उतरते दिखाई देने लगे हैं।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा तालाब
दरअसल गरीब जनता को रोजगार देने के उद्देश्य से मनरेगा योजना अंतर्गत आरईएस विभाग के माध्यम से 40 लाख से अधिक की लागत में से ग्राम पंचायत कोठड़ाकला के मजरे चांकल्यापाड़ा में तालाब बनाया जाना था लेकिन आरईएस के एसडीओ राजेश परमार, ठेकेदार, एक नेता और चंद गुंडों की मिलीभगत से यह तालाब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है।
ग्रामीणों ने की लिखित शिकायत
स्थानीय गरीब मजदूरों को जब रोजगार नहीं मिला तो ग्रामीणों ने एसडीएम, जिला पंचायत सीईओ, आरईएस के कार्यपालन यंत्री को लिखित शिकायत की है वही ग्राम पंचायत के ठहराव प्रस्ताव के बगैर ही तालाब निर्माण की बात कही और संबंधित सब इंजीनियर के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही एवं मनरेगा भुगतान पर रोक लगाने की मांग की अब देखना यह होगा कि जिले के वरीष्ठ अधिकारीयो द्वारा एसडीओ राजेश परमार एवं ठेकेदार के विरुद्ध कोई कठोर कार्रवाई की जायेगी या ग्रामपंचायत देदला के तालाब घोटाले की तरह इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।