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करेक्शन सेल के कर्मचारियों ने फेल छात्र-छात्राओं को की पास करने की कोशिश, 15 छात्र दोषी करार

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Dec 4, 2018

धर्मेन्द्र शर्मा - ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी में बीते कुछ महीनों से मार्कशीटों में गलत प्रिंटिग की वजह से सुर्खियों में थी जिसको लेकर आएं दिन यूनिवर्सिटी में छात्र सगंठनों के प्रदर्शन हो रहे थे इस बीच यूनिवर्सिटी ने मार्कशीट प्रिंट करने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया था साथ ही उससे सारा काम छीनकर दूसरी कंपनी को दे दिया था लेकिन इस बीच मार्कशीट प्रिंट करने वाली कंपनी ने यूनिवर्सिटी के एक रैकेट का खुलासा किया है जिसमें यूनिवर्सिटी के गोपनीय विभाग के कर्मचारी फैल छात्र-छात्राओं से मोटी रकम लेकर उनके नंबर मार्कशीट प्रिंट कराने वाली कंपनी को भेज देते थे। 

इस बात का खुलासा

जीवाजी यूनिवर्सिटी में रिजल्ट तैयार करने का काम करने वाली कोलकाता ने किया उसने परीक्षा नियंत्रक से शिकायत की थी कि इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडी (आईटीएस) के 15 छात्रों ने करेक्शन के आधार पर मार्कशीट बनाने के लिए आवेदन दिया था इसमें किसी ने अनुपस्थित की जगह उपस्थित बताने तो किसी ने कम नंबर दिए जाने का हवाला दिया साथ ही इन छात्रों ने परीक्षा भवन से जारी किए गए विभिन्न विषय के नंबरों की सूची भी जमा की थी जबकि इन सभी की पुरानी मार्कशीट भी रिकॉर्ड के आधार पर सही बनाई गई थीं। यह बात सामने आने के बाद परीक्षा नियंत्रक ने इन छात्रों की कॉपियों के नंबर चेक करने के लिए परीक्षा भवन पहुंचे तथा जिन शिक्षक के हस्ताक्षर नंबरों की सूची पर थे, उनसे बातचीत की तो उन्होंने बताया कि उनके हस्ताक्षर फर्जी हैं उन्होंने ऐसी कोई सूची ही नहीं भेजी है।

कर्मचारियों के खिलाफ जांच शुरू

फर्जी सूची के आधार पर टेबुलेशन चार्ट में भी करेक्शन कर दिया गया था ऐसे में छात्र संगठन सक्रिय हो गए है, उनके मुताबिक ये गोरखधंधा काफी लंबे समय से चल रहा था। बहरहाल इन छात्रो के मामले सामने आने के बाद अब ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी सक्रिय हो गयी है साथ ही 15 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा रही है जिन्होनें फर्जी तरीके से अपने आपको पास कराने की कोशिश की थी साथ ही यूनिवर्सिटी गोपनीय विभाग के उन कर्मचारियों के खिलाफ भी जांच में जुट गयी है जो इस काम को अंजाम दिया करते थे।