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हत्या के 4 साल पुराने मामले में आरोपी को कोर्ट ने दी आजन्म कारावास की सजा

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Jul 3, 2018

ग्वालियर में हत्या के लगभग चार साल पुराने एक मामले में एक आरोपी को कोर्ट ने आजन्म कारावास की सजा सुनाई है। पत्नी की हत्या के आरोपी को यह सजा उसकी 13 साल की बेटी की गवाही के आधार पर दी है। कोर्ट ने आरोपी पर 5 हजार का जुर्माना और लगाया है। हत्या का घटनाक्रम 11 सितम्बर 2014 को जनकगंज थाना क्षेत्रान्तर्गत आने वाले गोल पहाड़िया क्षेत्र का है। अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना वाले दिन अभियुक्त इकरार खान रात में 11 बजे कुछ लिख रहा था। उस समय घर में उसकी पत्नी राबिया,बेटा शाहरुख, 13 साल की बेटी मुश्कान व राबिया का भाई साकेत घर पर ही था। 

इसी दौरान किसी बात को लेकर इकरार ने मारपीट कर बेटे शाहरुख व साले साकेत को घर से बाहर निकाल दिया। बेटी मुश्कान को एक कमरे में बंद कर दिया उसके बाद राबिया से मारपीट शुरू कर दी। पहले एक कांच की बोतल फोड़कर उसे मारा, उसके बाद एक छुरी उसकी पीठ में मारी, जिससे छुरी टेड़ी हो गई। इकरार ने इतना सब करने के बाद पत्नी राबिया का गला घोंटकर उसे मार दिया। इस पूरे घटनाक्रम को बेटी मुश्कान ने कमरे की खिड़की से देख लिया था। अभियुक्त ने ये सब किए जाने से पहले और बाद में कुछ गोलियां भी खाईं। 

पड़ताल में उजागर हुआ कि आरोपी को अपनी पत्नी के चरित्र पर संदेह था। इसी कारण उसने यह जघन्य कृत्य किया, घर से निकाले गए शाहरुख व साकेत ने जब राबिया के पिता को मारपीट की जानकारी दी तो वह घर आए। घर आने पर यहां राबिया एक ओर पड़ी मिली। पिता व अन्य परिजन राबिया को अस्पताल ले गए,जहां डॉक्टरों ने इस मृत घोषित कर बॉडी को पीएम हाउस में रख दिया। शासन की ओर से इस मामले में अतरिक्त शासकीय अभिभाषक पंकज पालीवाल ने आरोपी के कृत्य को देखते हुए फांसी की मांग की। चतुर्थ दशम अपर सत्र न्यायधीश मुकेश रावत ने इस मामले में आरोपों व साक्ष्य पर विचारण के बाद आरोपी इकरार को आजन्म काराबास व 5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी द्वारा जुर्माना अदा न करने पर 3 माह का अतिरिक्त सश्रम काराबास भुगतना होगा।