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महाकाल मंदिर में खतरनाक मारपीट, सुरक्षा व्यवस्था पर लगा सवालिया निशान

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Jun 17, 2018

यहाँ मंदिर के बाहर फूल प्रसाद बेचने को लेकर दो दुकानदारों के बीच इस कदर झगड़ा हुआ कि उसे देखकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाएंगे हर कोई इस झगड़े को देखकर स्तब्ध रह गया लेकिन महज 100 मीटर दूरी पर थाना स्थित होने और महाकाल मंदिर में पुलिस चौकी होने के बाद भी यहाँ पुलिस का कोई नामोनिशान नहीं दिखा करीब 20 मिनट तक महाकाल मंदिर के बाहर खतरनाक मारपीट का ये तमाशा चलता रहा लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं थी या यूं कहें कि किसी भी पुलिस कर्मी ने इस झगड़े को रोकने की न तो अपनी जिम्मेदारी समझी और न ही कोशिश की।

जल्द की जायेगी गिरफ्तारी

हालाँकि घटना के एक घण्टे बाद पुलिस ने मारपीट करने वाले दोनों पक्षों के थाने पहुंचने पर दोनों पक्षों के खिलाफ मारपीट का क्रॉस मुकदमा दर्ज कर लिया लेकिन गिरफ्तारी किसी भी नहीं की हालांकि पुलिस अब आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की बात कह रही है।

बहरहाल महाकाल मंदिर के बाहर    

खतरनाक तरीके से हुई मारपीट की इस घटना ने महाकाल मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है महाकाल मंदिर के बाहर असुरक्षा और पुलिस की अनदेखी का ये आलम तब है जब दो दिन पहले भी यहाँ फूल प्रसादी बेचने को खूनखराबे हो चुका है और एक युवक चाकूबाजी में गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब महाकाल मंदिर में चार स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है और महाकाल मंदिर की पुलिस चौकी होने के साथ थाना पुलिस, विशेष सशस्त्र बल, होमगार्ड्स के अलावा महाकाल मंदिर की खुद की सिक्योरिटी एजेंसी यहाँ सुरक्षा व्यवस्था संभाल रही है।

सिक्योरिटी एजेंसी यहाँ सुरक्षा व्यवस्था संभाल रही

अब देखना ये है कि महाकाल मंदिर के बाहर हुई मारपीट की इस खतरनाक घटना और आये दिन फूल प्रसादी बेचने को लेकर हो रहे खूनखराबे की घटनाओं को सिंघम के रूप में ख्याति अर्जित कर चुके पुलिस कप्तान सचिन अतुलकर और कलेक्टर मनीष सिंह क्या एक्शन लेते हैं।