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इस गांव में बेटियों को माना जाता है देवी का रूप लेकिन फिर भी गांव में नहीं हैं शौचालय

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Jun 4, 2018

टीकमगढ़ जिले का एक गांव ऐसा भी जिसे प्रदेश में बेटियों के गांव के नाम से पहचाना जाता है। जहां पुरूषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक है और यहां आज भी बेटियों को देवी का रूप माना जाता है और यहां बेटियों की पूजा की जाती है, लेकिन दुर्भाग्य देखिये कि इस गांव में एक भी घर में शौचालय नही है और लोग खुले में शौच जाने पर मजबूर है।

प्रशासन की ओर से जारी आंकडों के अनुसार अब तक जिले में 66 ग्राम पंचायतों सहित 212 गांवों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है लेकिन अगर जमीनी हकीकत की बात करें तो सच्चाई इससे कहीं परे है और ओडीएफ घोषित इन गांवों में से आधे से अधिक गांव के लोग आज भी खुले में शौच जाने पर मजबूर है वजह कि उनके यहां शौचालय बने ही नही है और अगर बने है तो पूर्ण नही है जबकि उक्त गांवों को कागजों पर ही ओडीएफ घोषित किया जा चुका है।

हरपुरा गांव में शौचालय न होने की जानकारी मिली है जिसकी जांच के लिये आज ही शौचालय निर्माण से संबंधित जिला पंचायत के अधिकारियों की टीम गांव में भेजी गई है जो पूरी जानकारी लेकर आयेगी और उसके हिसाब से आगे की कार्यवाही की जायेगी।

जहां ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत के अधिकारी अपनी फाईलों की संख्या बढाने एवं पुरूस्कार पाने के लिये पंचायतों को ओडीएफ करने में जुटे है, ऐसे मे जल्द ही यह पंचायत ओडीएफ की श्रेणी मे आयेगी, लेकिन हकीकत इससे परे है, जहां गांव मे बेटी बचाओं-बेटी पढाओ का नारा देकर महिलाओं ने बेटियों के जन्मों पर नाच-गाना सहित उत्साह मनाया वहीं, आज अगर उन्ही की इज्जत ढकने की बात आती है तो सरकार कोई कदम उठाने की बात करती है तो सिर्फ कागजों में न की हकीकत में।