Jul 23, 2018
अशोक पाटीदार : मनावर बालीका अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास में रह कर अध्यनरत थी ओर समस्त बालिकाओ का नए वर्ष में एडमिशन भी हो गया और बालिकाओ को सूचना देकर बुला भी लिया और पढ़ाई भी शुरू हो गई और अचानक होटल अधीक्षका का फोन पालकगण के पास आता है और कहती है कि आपकी बालिकाओ को हम होटल में नही रख सकते।
क्योकी जनजातीय कार्य विभाग के तहत संचालित समस्त प्री मेट्रिक एवं पोस्ट मेट्रिक छात्रावासो का युक्तिकरण किया गया है उसके अनुसार कक्षा 6 टी से 8 वी तक जूनियर छात्रावास ओर कक्षा 9 वी से 12 वी तक सीनियर छात्रावास में रहेंगे परन्तु आज इन बालिकाओ की समस्या यह है कि सभी बालिकाए 20 से 25 किलो मीटर दूर रहती है और सबसे बड़ी बात यह है कि मनावर तहसील में एक मात्र अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास ही है।
अब यह बालिकाए क्या करेगी और गरीब मजदूरों के बेटियां है जो इतना खर्च भी नही उठा सकती है और बड़ी बात है की यह आदेश अगर एडमिशन के पहले मिलता तो पालकगण कुछ व्यवस्था कर सकते थे अभी तो गरीब पालकगण कुछ भी नही कर सकते सिर्फ अपनी बेटियों को शिक्षा से दूर रखने पर मजबूर है।