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बड़वानी : स्कूल में 4 वर्षों से वसूली जा रही बच्चों से फीस, जवाब देने से बचती नजर आईं पूर्व प्राचार्या

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Sep 24, 2019

सचिन राठौड़ : प्रदेश सरकार भले ही स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा के साथ-साथ यूनिफॉर्म पठन-पाठन की सामग्री और साइकिल वितरण कर रही हो लेकिन एक हाईस्कूल ऐसा भी है जहां बच्चों से पिछले 4 वर्षों से फीस वसूली जा रही है लेकिन उन्हें रसीद तक नही दी जा रही। इस हाई स्कूल में नए प्रिंसिपल जहां फीस वसूली जाने की बात को कबूल करते हुए कहते हैं कि उसका स्कूल में कोई हिसाब नहीं वही पूर्व की प्राचार्य ने इस मामले को लेकर चुप्पी साध ली वहीं वरिष्ठ अधिकारी मामले की जांच की बात कर रहे हैं।

क्या है पूरा मामला ?
सरकारी स्कूलों में व्यवस्था बदहाली की बात तो आपने कई बार सुनी होगी लेकिन हम आपको एक ऐसी स्कूल के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां पढ़ने वाले बच्चों से पिछले 4 साल से स्कूल द्वारा फीस के रूप में 600 से 700 रूपये वसूले जा रहे हैं। अब आप सोच रहे होंगे सरकारी स्कूल में कैसी फीस तो इस सब का जवाब तो उन बच्चों के पास भी नहीं है जिनसे फीस वसूली जा रही है। पानसेमल विकासखंड के मलफ़ा की हाई स्कूल का मामला है। जहां बच्चों से बाकायदा  फीस के रूप 600 से 709 रुपये वसूले जा रहा है। लेकिन उन्हें इसकी इन्हें रसीदी नही दी जा रही है। स्कूल के 1 बच्चे को जरूर रसीद देने की बात सामने आई है। उसमें खेल की गतिविधियों का उल्लेख किया गया ऐसा छात्रों का कहना है लेकिन वह यह भी कहते हैं कि हमें तो खेल संबंधी कोई भी सामान आज तक स्कूल में देखने को नहीं मिला।

नये प्राचार्य का क्या है कहना?
वही स्कूल में नए आए प्राचार्य भी स्कूल में फीस वसूली की बात मानते हुए कहते हैं कि मुझे आए हुए 8 दिन हो गए लेकिन अब तक प्रभार भी नहीं दिया गया और बच्चों से पिछले 4 सालों से फीस वसूली जा रही है। उसका खातों में पैसा नही और उसकी रसीद भी बच्चों को नहीं दी गई। जब हमने स्कूल की पूर्व प्रिंसिपल से इस संबंध में बात की तो उन्होंने हमारी बात का किसी भी प्रकार का जवाब देने की जहमत नहीं उठाई और सवाल सुनते ही भाग खड़ी हुई।जहां स्कूल में पिछले 8 दिनों से आए प्राचार्य किस लेने की बात को कबूल करते हैं और यह भी कहते हैं कि 4 साल से ऐसा किया जा रहा है वही पानसेमल विकासखंड के बी ई ओ द्वारा मामले से अनभिज्ञता दर्शाते हुए कहा गया कि आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है इस हेतु एक जांच दल बनाया जाएगा और पूरे मामले की जांच की जाएगी