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आधार की त्रुटि सुधारने मीलों का सफर कर रहे मजबूर बच्चे

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Sep 12, 2018

राज बिसेन : आधार केंद्रों में आधार बनाने में व्यापक त्रुटि हुई हैं। किसी की जन्म तारीख एक जैसी रख दी गई है तो किसी के नाम व पता में गलती हैं। इसका खामियाजा स्कूली छोटे बच्चों को भी भुगतना पड़ रहा है। आधार की हुई इस त्रुटि को सुधारने के लिये स्कूली बच्चों को लंबी दूरी का सफर करने की मजबूरी होना पड़ रहा है।

जानकारी अनुसार बालाघाट के अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र ग्राम पंचायत सोनगुडडा के 2 दर्जन से अधिक नन्हे छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड में एक ही जन्म तारीख का उल्लेख हैं या नाम गलत दर्ज हो गया हैं। जिसे सुधारने के लिये उन्हें लगभग 50 किमी से अधिक की दूरी तय कर बालाघाट मुख्यालय आना पड़ा हैं।

ये सभी बच्चे प्रायमरी और माध्यमिक शाला में पढ़ रहे हैं। जिनके नामों की स्कुल में प्रोफाईल तैयार की जा रही हैं। जिसमें नाम के साथ सरनेम, जन्मतारीख और मोबाईल नम्बर की सही-सही जानकारी मांगी जा रही हैं। इस सही जानकारी का पूर्व में बने आधार कार्ड में मेल नहीं खा रही हैं। इस कारण से बच्चे अपने आधार की त्रुटि सुधारने के लिये परेशान हैं।

आधार केंद्रो में अगर सही जानकारी पूर्व में ही दर्ज की जाताी तो इन बच्चों को परेशानी नहीं होती। निकट में आधार पंजीयन केंद्र नहीं हैं और हैं तो वहां पर अनाप-शनाप राशि ढाई से तीन सौ रूपये की वसूली हो रही। जो कि इन गरीब आदिवासी बच्चों के बश की बात नहीं हैं।

आधार कार्ड बनाने आये इन छात्र-छात्राओं को भूखे प्यासे रहने के लिये मजबूर होना पड़ गया। वे बस स्टेंड में एक साथ घूमते हुये देखें गये। एक सहायक अध्यापक उन्हें लेकर आये थे और उन्होने नाश्ता उन बच्चों को कराया पर बच्चों के लिये पर्याप्त नहीं था।  सूचना पर नगरपालिका अध्यक्ष अनिल धुवारे पहुंचें और उन्होने बच्चों के हाल जाना व उनके लिये नाश्ते की व्यवस्था करवायी।

दरअसल आधार कार्ड बनाने वाले केंद्रों में हुई त्रुटि को सुधारने हेतु अभियान चलाये जाने की जरूरत हैं। जिससे की ग्रामीण अचंल के बच्चों के साथ अभिभावकों के आधार में सुधार हो सके। आधार की त्रुटि से उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। बालाघाट के कई ग्राम दूरस्थ होने के साथ संवेदनशील हैं वहां पर आधार की त्रुटि परेशानी का कारण बनी हुई हैं।